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कला-संस्कृति

outlookhindi.com पर देखें सैयद हैदर रजा का खास इंटरव्यू

outlookhindi.com पर देखें सैयद हैदर रजा का खास इंटरव्यू

अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त भारतीय चित्रकार सैयद हैदर रजा का शनिवार को निधन हो गया। पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित सैयद हैदर रज़ा उर्फ़ एस.एच. रज़ा का जन्म 22 फ़रवरी 1922 को मध्य प्रदेश के मंडला जिले के बावरिया में हुआ था।
हमेशा ही याद आएंगी मुबारक बेगम

हमेशा ही याद आएंगी मुबारक बेगम

कभी तनहाइयों में हमारी याद आएगी...सन 1961 का सबसे बड़ा हिट रोमांटिक गाना था। इसे गाया था, मुबारक बेगम ने। अस्सी की उम्र में मुबारक बेगम इस दुनिया को अलविदा कह गईं। उनके पीछे तनहाईयों में अब बस उनकी याद है।
छंदकोत्सव की अनूठी छटा

छंदकोत्सव की अनूठी छटा

सांस्कृतिक चेतना के लिए प्रयास जरूरी हैं। नई पीढ़ी जब कला-संस्कृति को करीब से देखेगी तभी उससे प्रेम करना सीखेगी। मध्यप्रदेश के धार में ऐसे ही छंदकोत्सव में न सिर्फ नई पीढ़ी ने हिस्सा लिया बल्कि सीमाएं तोड़ कर एक विदेशी ने ओडिसी की शानदार प्रस्तुति दी।
डॉ. रघुवीर चौधरी ज्ञानपीठ से नवाजे गए

डॉ. रघुवीर चौधरी ज्ञानपीठ से नवाजे गए

एक गरिमामय समारोह में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने गुजराती के प्रख्यात लेखक डॉ. रघुवीर चौधरी को 51वां ज्ञानपीठ अवॉर्ड दिया। दिल्ली में संसद भवन पुस्तकालय में हुए इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पत्रकारो, साहित्यारों और सुधि पाठक जनों ने हिस्सा लिया।
सीमा पर लगी बाड़ों के पार भी है संगीत में अकूत ताकत: सलमान अहमद

सीमा पर लगी बाड़ों के पार भी है संगीत में अकूत ताकत: सलमान अहमद

सूफी रॉक बैंड जुनून से 1990 के दशक में मशहूर हुए पाकिस्तानी गायक-गिटार वादक सलमान अहमद का कहना है कि सीमा पर लगी कांटेदार बाड़ों के पार भी संगीत में अकूत ताकत है और कोई बाधा इसे रोक नहीं सकती है। 90 दशक में पाकिस्तान और भारत के बीच परमाणु संलयन के बजाय सांस्कृतिक मेल-मिलाप की वकालत करने के लिए इस पाकिस्तानी गायक पर गद्दार का ठप्पा लगा था।
70 साल की हो गई बिकनी

70 साल की हो गई बिकनी

आज हॉट ड्रेस बिकनी का 70वां जन्मदिन है। तब से अब तक बिकनी के कई अवतार हो चुके हैं। हॉलीवुड अदाकार ब्रिजित बारडोट से लेकर आज तक हर नायिका की इच्छा रही है कि वह सुनहरे परदे पर एक बार बिकनी पहन कर जलवा अफरोज रहे।
पत्रकारिता के प्रति आस्था के लिए, बोलीं तस्वीरें

पत्रकारिता के प्रति आस्था के लिए, बोलीं तस्वीरें

नागपुर में कवयित्री-कलाकार दीप्ति कुशवाह की दो दिवसीय पोस्टर प्रदर्शनी, आयोजित की गई। तस्वीरें बोलती हैं शीर्षक से अखबार और पत्रकारिता से जुड़ी सूचनाओं, रोचक प्रसंगों, सूक्तियों, शायरी और कविताओं को प्रस्तुत करते, कोलाज शैली में बने लगभग 50 पोस्टर दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रहे।
सौहार्द के द्वार देवा शरीफ, पोवा मक्का और रामदेवरा

सौहार्द के द्वार देवा शरीफ, पोवा मक्का और रामदेवरा

उत्तर प्रदेश में देवा शरीफ, राजस्थान में रामदेवरा और असम में पोवा मक्का के बीच क्या समानता है? भले ही इन स्थानों के बारे में बहुत अधिक लोग न जानते हों लेकिन सभी धर्मों में आस्था रखने वाले लोग सदियों से शांति, सहिष्णुता और सौहार्द के प्रतीक इन स्थानों पर बार बार जाते रहे हैं।
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