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कला-संस्कृति

ठंडा माने एक अधूरी इच्छा

ठंडा माने एक अधूरी इच्छा

5 अक्टूबर 1955 को जन्म। छह कहानी संग्रह, 3 उपन्यास और एक कविता संग्रह। पहली कहानी सन 1978 में सारिका में प्रकाशित। दूरदर्शन और आाकाशवाणी के विभिन्न केंद्रों द्वारा कहानियों पर टेलीफिल्म और रेडियो नाटकों का निर्माण। कई कहानियों का भारतीय भाषाओं और विदेशी भाषाओं में कहानियां अनूदित।
70 साल बाद आयन रैंड का उपन्यास

70 साल बाद आयन रैंड का उपन्यास

प्रसिद्ध रूसी लेखिका और दार्शनिक आयन रैंड का उपन्यास आइडियल 70 साल बाद प्रकाशित हो रहा है। उपन्यास से पहले उन्होंने इसे एक नाटक के रूप में लिखा था।
कहानी: श्यामल सखी तेरी

कहानी: श्यामल सखी तेरी

किशोर चौधरी रेडियो में काम करते हैं और जिंदगी की कहानियां लिखते हैं। चौराहे पर सीढ़ियां बहुत ही चर्चित कथा संग्रह रहा है। उसके बाद धूप के आइऩे में और जादू भरी लड़की को बहुत प्रशंसा प्राप्त हुई। उनकी भाषा और कहानी को बुनने का तरीका उनकी कहानियों को खास बनाता है। उनके तीनों कहानी संग्रह हिंद युग्म से प्रकाशित हुए हैं।
मृदुला गर्ग की बेगानी दास्तानें

मृदुला गर्ग की बेगानी दास्तानें

‘निर्वासन मर्जी से हो या जबरदस्ती, देश से आप खुद निकलें या निकाले गए हों, इसका दर्द और विसंगत स्थितियों से उत्पन्न दुविधा उसके प्रभाव को एकपक्षीय नहीं रहने देती। किसी अनजान मुल्क की तमीज-तहजीब सीखने और उसकी संस्कृति में रचने-बसने की कोशिश, खासी त्रासदायी होती है। विडंबना और विसंगतियों से भरी।’
प्लेटफार्म नंबर सात

प्लेटफार्म नंबर सात

यह मौसम पतंगबाजी का नहीं है और गिरानी में नाच नाम से दो कविता संग्रह। सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में कविताएं प्रकाशित।
प्रेमचंद का हजरत अली पर अनूठा लेख

प्रेमचंद का हजरत अली पर अनूठा लेख

कानपुर से प्रकाशित होने वाली पत्रिका प्रभा में सन 1923 में प्रेमचंद का एक लेख हजरत अली शीर्षक से प्रकाशित हुआ था। यह लेख अब तक असंकलित है।
कहानी - सुख पहेली

कहानी - सुख पहेली

रामधारी सिंह दिवाकर ग्रामीण जीवन के कथा शिल्पी के तौर पर जाने जाते हैं। पाठकों के बीच उनकी प्रसिद्धि गांव के जीवन को यथार्थ रूप में प्रस्तुत करने वाले कहानीकार की है। उनके बारह कहानी संग्रह और सात उपन्यास हैं। इसके अलावा शोध, आलोचना, संस्मरण आदि पर भी दर्जनों पुस्तकें हैं।
विकलांग बच्चियों की मदद के लिए बरखा बहार

विकलांग बच्चियों की मदद के लिए बरखा बहार

बेटी बचाओ के जज्बे के साथ बरखा बहार नाम से एक संगीतमय समारोह का आयोजन नंदिनी फाउंडेशन और पीपल फर्स्ट की ओर से दिल्ली के मुक्तधारा ऑडिटोरियम में किया गया। समारोह में गायिका मंदाकिनी बोरा के सावन पर गाए गीतों और सुफियाना गीतों ने लोगों को झूमने और तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। लोक गायिका पूजा झा के गीत भी लोगों को खूब पसंद आए।
पुराने मकान संस्कृति के प्रतीक हैं

पुराने मकान संस्कृति के प्रतीक हैं

कोलकाता की आलीशान और यूरोपीय बंगाली वास्तुशिल्प की बेजोड़ मिसाल बन चुके पुराने आलीशान मकानों को अंधाधुंध तरीके से ढहाने से बचाने के लिए नए कानून और उपायों की जरूरत को रेखांकित करते हुए प्रख्यात अंग्रेजी लेखक अमित चौधरी का कहना है कि ये महानगर की पहचान हैं और एक समृद्ध संस्कृति को अपने में समेटे हुए हैं। ब्रिटिश काउंसिल और यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंजलिया द्वारा आयोजित एक परिचर्चा से इतर 2002 के साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता चौधरी ने कहा कि कोलकाता की बहुत सी ऐसी इमारतें समृद्ध वास्तुकला का अद्भुत नमूना हैं।
उर्दू कवि बशर नवाज का निधन

उर्दू कवि बशर नवाज का निधन

जाने-माने उर्दू कवि, आलोचक एवं वक्ता बशर नवाज का आज औरंगाबाद में निधन हो गया। वह कुछ समय से बीमार थे। हिंदी फिल्म बाजार का बेहद लोकप्रिय गीत ‘करोगे याद’ उन्होंने ही लिखा था।