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कला-संस्कृति

मैत्रेयी पुष्पा बनीं दिल्ली हिंदी अकादमी की उपाध्यक्ष

मैत्रेयी पुष्पा बनीं दिल्ली हिंदी अकादमी की उपाध्यक्ष

वरिष्ठ कथाकार मैत्रेयी पुष्पा हिंदी अकादमी की नई उपाध्यक्ष बन गई हैं। हिंदी अकादमी हिंदी भाषा और साहित्य के प्रचार–प्रसार और उसे बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनी दिल्ली सरकार की भाषा अकादमी है।
‘सफल होने की होड़ और बाजारवाद चिंता का विषय’

‘सफल होने की होड़ और बाजारवाद चिंता का विषय’

लोगों में आज सफल होने की होड़ तेजी से बढ़ने पर चिंता व्यक्त करते हुए जानी मानी लेखिका अलका सरावगी ने कहा कि आज बाजार सबके लिए मूल्यबोध के पैमाने बनने के साथ साधन एवं साध्य बन गया है और ऐसे में लेखकों की जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है।
ऑनलाइन सुखन का सुख

ऑनलाइन सुखन का सुख

आभासी संसार ने कई वास्तविक अनुभव दिए हैं। इनमें से ही है नए और युवा प्रकाशक जो जिन्होंने न सिर्फ रचनाओं को बदल दिया बल्कि इस उद्योग को भी।
कहानी - उदासी का कोना

कहानी - उदासी का कोना

पुरुषोत्तम अग्रवाल ने कई पुस्तकों का लेखन किया है, जिनमें ‘संस्कृति : वर्चस्व और प्रतिरोध, ‘तीसरा रुख’, ‘विचार का अनंत’, ‘शिवदान सिंह चौहान’, ‘कबीर : साखी और सबद’, ‘मजबूती का नाम महात्मा गांधी’ (गांधी शांति प्रतिष्ठान, नई दिल्ली के वार्षिक भाषण का पुस्तक स्वरूप) 'अकथ कहानी प्रेम की : कबीर की कविता और उनका समय' प्रमुख हैं। प्रो॰ अग्रवाल की पुस्तक 'अकथ कहानी प्रेम की : कबीर की कविता और उनका समय' बहुत चर्चित पुस्तक रही है। वह एक प्रखर चिंतक और आलोचक हैं। उनका यात्रा-वृत्तांत ‘हिंदी सराय : अस्त्राखान वाया येरेवान' प्रकाशित हुआ है।
कविता - जन्नत न जाने पाए

कविता - जन्नत न जाने पाए

सितंबर 1947 में बक्सर, बिहार में जन्में उपेन्द्र कुमार सन 1972 की भारतीय प्रशासनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर सरकारी सेवा में नियुक्ति, संसदीय कार्य, श्रम एवं रक्षा मंत्रालयों के विभिन्न विभागों में 35 वर्षों से अधिक सक्रीय सेवा में रहे। उनकी पुस्तकों में बूढ़ी जड़ों का नवजात जंगल, मैं बोल पड़ना चाहता हूं, चुप नहीं है समय, प्रतीक्षा में पहाड़, गांधारी पूछती है, उदास पानी, प्रेम प्रसंग, गहन है यह अंधकार प्रमुख है। उन्हें कई पुरस्कार एवं सम्मान मिल चुके हैं।
कैदियों के तिनके

कैदियों के तिनके

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने तिनका तिनका तिहाड़ की म्यूजिकल वीडियो सीडी जारी की। वर्तिका नंदा और विमला मेहरा की तिनका तिनका तिहाड़ को हाल ही में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी शामिल किया गया है। अनूठा वीडियो जिसके गायक और कलाकार कैदी ही हैं
मैं कलाकार नहीं हूं: गुलजार

मैं कलाकार नहीं हूं: गुलजार

पहली बार चारकोल रेखाचित्रों के साथ सामने आ रहे मशहूर गीतकार गुलजार का कहना है कि वह खुद को कलाकार नहीं मानते हैं।
कविताओं में अभिव्यक्ति

कविताओं में अभिव्यक्ति

ऑल इंडिया रेडिओ और प्रसार भारती ने मिल कर दिल्ली के भारतीय विद्या भवन में 13 मई की शाम ‘अखिल भारतीय कवयित्री सम्मेलन’ का आयोजन किया
बॉलीवुड सेल्फी पर चर्चा

बॉलीवुड सेल्फी पर चर्चा

अनंत विजय पेशे से पत्रकार हैं, लेकिन वह आलोचना के क्षेत्र में भी सक्रिय रहते हैं। हाल ही में उनकी नई पुस्तक बॉलीवुड सेल्फी पर आयोजित चर्चा में जो बात सामने आई वह पुस्तक की सामग्री के नएपन से जुड़ी थी। बॉलीवुड सेल्फी नाम की किताब कई सितारों की कहानी समेटे हुए अनूठी किताब है।
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है

ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है

मिसरा बेशक यह साहिर लुधियानवी के गीत का है लेकिन अफसानानिगार सआदत हसन मंटो पर सटीक बैठता है। ताउम्र ढोंग, तमाशे और साहित्य की राजनीति से दूर रहने वाले मंटो ने कहा था- ‘ हर शहर में बदरौएं और मोरियां मौजूद हैं जो शहर की गंदगी को बाहर ले जाती हैं। हम अगर अपने मरमरी गुसलखानों की बात कर सकते हैं, अगर हम साबुन और लैवेंडर का जिक्रकर सकते हैं तो उन मोरियों और बदरौओं का जिक्र क्यों नहीं कर सकते जो हमारे बदन की मैल पीती हैं।‘ मंटो की 100वीं जन्मशताब्दी से लेकर आज तक उनके नाम पर उनके तथाकथित मुरीदों ने राजनीति, तमाशा और ढोंग ही किया है। मंटो के इन मुरीदों को वह सब चाहिए जो मंटो को नहीं चाहिए था। मंटो के माएने तो यह दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है।
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