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कला-संस्कृति

अनीस सलीम को रेमंड क्रॉसवर्ड बुक अवॉर्ड

अनीस सलीम को रेमंड क्रॉसवर्ड बुक अवॉर्ड

केरल के लेखक अनीस सलीम को इंडियन फिक्शन श्रेणी में उनकी किताब ‘द ब्लाइंड लेडीज डेसेंडैंट्स’ के लिए रेमंड क्रॉसवर्ड बुक अवॉर्ड मिला है। जबकि सामंत सुब्रमण्यम को उनकी पुस्तक ‘दिस डिवाइडेड आईलैंड: स्टोरीज फ्रॉम द श्रीलंकन वार’ के लिए गैर फिक्शन श्रेणी में यह पुरस्कार मिला है।
ब्रमोस पर लिखी किताब का रूसी अनुवाद

ब्रमोस पर लिखी किताब का रूसी अनुवाद

ब्रमोस क्रूज मिसाइल पर अंग्रेजी में लिखी गई अपातुकता शिवतनु पिल्लै की किताब का रूसी भाषा में अनुवाद किया जाएगा और इसके लिए कार्य शुरू हो चुका है।
भजन और सूफियाना कलामों की गूंज

भजन और सूफियाना कलामों की गूंज

दिल्ली का बहुचर्चित सालाना भक्ति संगीत समारोह साहित्य कला परिषद और दिल्ली सरकार के कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग की ओर से पेश किया जा रहा है।
कहानी - नदी

कहानी - नदी

हृषीकेष सुलभ साहित्य जगत के बहुत प्रतिष्ठित लेखक हैं। ग्रामीण अंचलों की पृष्ठभूमि के अलावा शहरी जीवन की चमक-दमक पर भी उनकी लेखनी उतनी ही सुगमता से चलती है। कहानी संग्रह ‘वसंत के हत्यारे’ के लिए उन्हें 16वां इंदु शर्मा अंतरराष्ट्रीय कथा सम्मान मिला। कहानियों के लिए ही बनारसी प्रसाद भोजपुरी सम्मान, रंगमंच और नाटक लेखन के लिए अनिल कुमार मुखर्जी शिखर सम्मान, रामवृक्ष बेनीपुरी सम्मान, पाटलिपुत्र पुरस्कार, सिद्धार्थ कुमार स्मृति सम्मान आदि मिल चुके हैं।
विरह में दो मंत्र

विरह में दो मंत्र

सर्वेश सिंह की कविताएं आध्यात्म और वास्तविक जीवन के ईद-गिर्द खूबसूरत ताना-बाना बुनती हैं। उनके द्वारा लिखे गए कई लेखों पर तीखी बहसें भी हुई हैं। उनकी कहानी ज्ञान क्षेत्रे, कुरूक्षेत्रे को बहुत सराहना मिली थी। सर्वेश फिलवक्त डीएवीपीजी कॉलेज, बनारस में हिंदी विभागाध्यक्ष हैं।
साहित्य अकादेमी में मना विश्व पुस्तक दिवस

साहित्य अकादेमी में मना विश्व पुस्तक दिवस

किताबों की हमारे जीवन में उपस्थिति और उसके महत्व को रेखांकित करते हुए साहित्य अकादेमी ने ‘साहित्य मंच’ के अंतर्गत विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर एक विशिष्ट कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े महत्त्वपूर्ण लोगों ने किताबों से अपने रिश्तों को श्रोताओं से साझा किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसार भारती के सीईओ श्री जवाहर सरकार ने की।
अजय सिंह की पुस्तक का लोकार्पण

अजय सिंह की पुस्तक का लोकार्पण

अजय सिंह की कविताएं भारतीय लोकतंत्र की विफलता को पूरी शिद्दत से प्रितिबिंबित करती हैं। उनकी कविताओं का मूल स्वर स्त्री, अल्पसंख्यक और दलित हैं।
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