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साहिर-अमृता से एक मुलाकात

प्रेम की गहराई में डूबे जोड़ो का नाम लीजिए और ऐसा हो नहीं सकता कि अमृता प्रीतम और साहिर लुधियानवी का नाम न आए। सरहद पार से दोनों ने बखूबी अपने रिश्ते को निभाया और यह उनके प्यार की गरमाहट ही है जो सालों बाद वे दोनों याद किए जाते हैं
साहिर-अमृता से एक मुलाकात

साहिर लुधियानवी और अमृता प्रीतम की प्रेमगाथा हमेशा से ही उत्सुकता का विषय रही है। इस बार नाट्य मंचन के जरिये दोनों की कहानी संयुक्त अरब अमीरात पहुंच गई है। एक  मुलाकात  नाम से हो रहे इस नाटक को दुबई में दर्शक खूब पसंद कर रहे हैं। भारत के भी कई शहरों में इस नाटक का मंचन हो चुका है। भारत में इस नाटक को दर्शकों का खूब प्यार मिला था। इस नाटक में बॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री दीप्ति नवल अमृता प्रीतम के किरदार में और शेखर सुमन साहिर के किरदार में दर्शकों का दिल जीत रहे हैं। दीप्ति नवल और शेखर सुमन के अहम किरदार वाला यह नाटक मंच पर  उर्दू शायरी को फिर से स्थापित करने की भी कोशिश है।

दोनों कलाकार तेजी से बदलती सामाजिक एवं राजनीतिक स्थितियों की पृष्ठभूमि में अधूरे प्रेम के अनोखे संबंध को मंच पर प्रस्तुत कर रहे हैं। इस नाटक की परिकल्पना और निर्देशन सैफ हैदर हसन ने किया है। उन्होंने उर्दू शायरी को मंच पर फिर से स्थापित करने का बीड़ा उठाया है।

इस नाटक से दर्शक अभिभूत हो हैं, खासकर काव्य की प्रचुरता से, जिनमें प्रीतम की पंजाबी कविताएं जैसे कुफ्र, मेरे दोस्त और मेरे अजनबी तथा लुधियानवी के कभी कभी मेरे दिल में खयाल आता है, ताजमहल और नेक मैडम शामिल हैं।

प्रीतम का लुधियानवी के बीच का संबंध  उन पत्रों पर आधारित है जो दोनों ने एक-दूसरे को भेजे थे। साहिर उन दिनों लाहौर में थे और अमृता दिल्ली रहती थीं। दोनों ने अपने बीच के संबंधों को जिंदा रखने के लिए शब्दों और विश्वास का पुल बनाया था। अब यही पुल उर्दू परंपरा को आगे बढ़ाने में मदद कर रही है।

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