दिलचस्प बात है कि सी नारायण रेड्डी तेलुगु में कविताएं लिखते थे लेकिन उस्मानिया विश्वविद्यालय से उर्दू में बीए किया था। यही वजह थी कि वह उर्दू में भी कई साल लिखते रहे। कई बार उनके परिचय में लिखा जाता था, तेलुगु और उर्दू के कवि।
कविताएं लिखने के साथ-साथ वह गीतकार भी थे। उनके लिखे कई गीत तेलुगु सिनेमा में लोकप्रिय हुए और वह गीतकार के रूप में प्रसिद्ध हुए। उन्हें प्यार से सभी लोग सिनारे कहते थे। रेड्डी का जन्म करीमनगर जिले के हनुमानपेट गांव में हुआ था। बचपन से आसपास के उर्दू माहौल की वजह से ही उन्होंने बीए उर्दू में दाखिला ले लिया था। बाद में उसी उस्मानिया विश्वविद्यालय में वह प्रोफेसर बन गए। वह जितने साहित्य जगत के थे उतने ही फिल्मी दुनिया के थे। सन 1998 में उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया था। लेकिन उससे पहले वह फिल्मी दुनिया में मशहूर हो चुके थे। सन 62 में उन्होंने 'गुलेबकावली कथा' नाम फिल्म के गाने लिखे थे और इस फिल्म से वह मशहूर हो गए थे। उन्होंने फिल्मों के लिए 3000 से भी ज्यादा गाने लिखे।