नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब के पत्रकार सम्मेलन में दी जानकारी के अनुसार विश्व के पुस्तक मेलों से अलग पहचान रखने वाले एफ्रो-एशिया का नंबर वन ‘नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला’ इस बार कुछ नईं परंपराएं लेकर आ रहा है।
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अघ्यक्ष बलदेव भाई शर्मा ने बताया कि इस बार किसी देश की जगह ‘मानुषी’ थीम बेस्ड मेले का केंद्रीय विषय ‘न्यास स्थापना के साठ वर्ष’ है। पिछले वर्ष के मुकाबले करीब 300 प्रकाशक घटे हैं, पर न्यास के अध्यक्ष और सहयोगी भारत व्यापार संगठन (आईटीपीओ) अधिकारी मानते हैं कि मेला ज्ञानवर्धक, यादगार और रोमांचक होगा।
शर्मा ने जगह की कमी की वजह को प्रगति मैदान के कुछ हिस्से में जारी पुनर्निमाण से जोड़ा। कहा, यह एक बौद्धिक पड़ाव है। प्रकाशक, पुस्तक क्रेता-बिक्रेता, साहित्य-कला प्रेमी, मीडिया सब मिलकर इसको एक अच्छे, यादगार पायदान पर पहुंचाते हैं। उन्होंने पत्रकारों से कहा, पुस्तकों से जुड़ने की आदत डालने वाला किताबों के इस महाकुंभ, इसकी पूरी क्रिएटिविटी और उसके लाभों से आप ही परिचित कराते हैं। पुस्तक ऐसी अनमोल वस्तु है, जहां आ कर सारे मतभेद, मनभेद खत्म हो जाते हैं।
उन्होंने बताया कि न्यास की 60 वर्षों की बौद्धिक यात्रा के पड़ावों, उनसे जुड़े व्यक्तित्वों, सम्मानितों, अतिथियों, किताबों, प्रकाशकों, चित्र-कृतियों, योगदानों को ले कर तैयार मंडप में ‘यह मात्र सिंहावलोकन नहीं है’ शीर्षक प्रदर्शनी लगाई जा रही है। थीम के तहत महिला लेखन और उनके बारे में लेखन को केंद्र में रखा गया है। भारत में न केवल विदुषियों के सम्मान की परंपरा रही है, बल्कि उनका इतिहास निर्माण में विशेष योगदान रहा है।
उन्होंने बताया कि नव लेखन व महिला लेखन के प्रोत्साहन के लिए 40 वर्ष तक की उम्र के लोगों की पहली पुस्तक प्रकाशित करने की शुरुआत कर दी गई है। पाकिस्तान की भागीदारी पर उन्होंने कहा, वहां से एक प्रकाशक भाग ले रहे हैं।
20 से अधिक देशों के इंडियन डायस्पोरा और उनके कौशल का प्रतिधित्व के साथ ही यूरोपीय संघ के 27 देशों की भागीदारी रहेगी। स्कूली बच्चों, दिव्यांगों और वृद्धों को टिकट आदि में विशेष व्यवस्था दी गई है।
संघ के सवाल पर उन्होंने कहा, अन्य संस्थाओं की तरह ही वे भी सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग ले सकेंगे। नोटबंदी को देखते एक सचल समेत आधा दर्जन एटीएम की व्यवस्था है। टिकट 50 मेट्रो स्टेशनों और गेट नं 1,2,5,7,10 पर उपलब्ध हैं। आईटीपीओ ने अधिकाधिक डिजिटलाइजेशन का प्रयास किया है। न्यास का कैलेंडर 10 जनवरी को मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर जारी करेंगे। वार्ता में एनबीटी और आईटीपीओ के प्रमुख अधिकारी मौजूद थे।