दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित समारोह में पिछले सात दशकों से भी अधिक समय से बाल-साहित्य से जुड़ी शांति अग्रवाल और बालकराम नागर को भी सम्मानित किया गया। बालस्वरूप राही, नरेन्द्र सहगल और डा. विभा देवसरे ने इन साहित्यकारों को सम्मानित किया।
प्रसिद्ध बाल-साहित्यकार हरिकृष्ण देवसरे के नाम पर गठित यह पुरस्कार हरिकृष्ण देवसरे बाल-साहित्य न्यास तीन वर्षों से देश के चोटी के बाल-साहित्य रचयिताओं को देता आ रहा है।
इस अवसर पर बालस्वरुप राही ने बाल रचनाओं की लेखन प्रक्रिया, उसके प्रभाव आदि की बारीकियों को समझाया। नरेन्द्र सहगल ने बाल साहित्य में विजन की अनिवार्यता और प्रयोगों पर विमर्श किया।
सम्मान प्राप्त करने के बाद पंकज चतुर्वेदी ने बाल साहित्य में राजा-रानी के स्थान पर लोकतांत्रिाक मूल्यों की स्थापना, उसके पात्रों में विधायक, सरपंच या कलेक्टर की भूमिका को प्राथमिकता देने की जरूरत बतायी। उन्होंने अनुरोध किया कि बाल-साहित्य के रचनाकार मुफ्त में लिखना बंद करें तभी इस विधा को सम्मान और पहचान मिलेगी। न्यास ने इस अवसर पर देवसरे बाल-साहित्य समाचार-पत्र निकालने की घोषणा की।
एजेंसी