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मनीषा भल्ला

श्वार्जनेगर को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड

श्वार्जनेगर को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड

दुन‌िया भर में बॉडी ब‌िल्डर्स के मसीहा और टर्म‌िनेटर फ‌िल्म के अभ‌िनेता ऑर्नल्ड श्वार्जनेगर को इंटरनेशनल लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा गया है। यह अवॉर्ड उन्हें जर्मनी के हैमबर्ग में आयोजित गोल्डन कैमरा पुरस्कार समारोह में द‌िय‌ा गया। श्वार्जनेगर को ‘ट्विन्स’ में उनके सह कलाकार डैनी डेविटो ने इस पुरस्कार से नवाजा। दोनों एक साथ 1988 में बेहद सफल कॉमेडी फिल्म ‘ट्विन्स’ के रिलीज होने के 27 साल बाद द‌िखे। फिल्म में दोनों ने जुड़वां भाईयों की भूम‌िका ‌न‌िभ‌ाई थी।
इक आग का दरिया है बांसुरी

इक आग का दरिया है बांसुरी

मशहूर बांसुरीवादक पंडित रानेंद्र (रोनू) मजूमदार ने हाल ही में सिर्फ बच्चों के लिए एक म्यूजिक ऐलबम निकाला है। पांच हजार से ज्यादा दफा अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुति दे चुके रोनू मजूमदार का कहना है कि संगीत के क्षेत्र में अब वह सिर्फ बच्चों के लिए काम करना चाहते हैं ताक‌ि अगली पीढ़ी इस व‌िरासत को संभाल सके। वाराणसी में जन्मे मजूमदार वर्ष 1974 से मुंबई में रह रहे हैं। बांसुरी में इनके पहले गुरू इनके प‌िता डॉ. भानू मजूमदार थे, जो शौक‌िया बांसुरी बजाते थे। आउटलुक ने उनसे बात की।
सेंसर बोर्ड: गालियों पर निर्णय से पहले विचार

सेंसर बोर्ड: गालियों पर निर्णय से पहले विचार

फिल्म निर्देशक पहलाज निहलानी ने जब से सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष पद संभाला है तब से वह और सेंसर बोर्ड व‌िवादों में हैं। इस दफा खबर है क‌ि सेंसर बोर्ड ने न‌िर्णय लिया है कि आपत्तिजनक और गाली गलौज वाले 28 शब्दों पर प्रतिबंध लगाने को लेकर तैयार विवादास्पद सूची पर अमल से पहले विभिन्न वर्गों से विचार-विमर्श किया जाएगा।
अण्णा समर्थकों ने उतरवाईं आप की टोपियां

अण्णा समर्थकों ने उतरवाईं आप की टोपियां

भूम‌ि अध‌िग्रहण अध्यादेश वापस लेने के मुद्दे एक मंच पर जहां द‌िल्ली के मुख्यमंत्री अरव‌िंद केजरीवाल अपने व‌िधायकों सह‌ित अण्णा हजारे का समर्थन करते नजर आए तो दूसरे मंच यान‌ी अण्णा के मंच पर आम आदमी पार्टी के सदस्यों और अण्णा समर्थकों के बीच व‌िवाद हो गया। अण्णा समर्थक काफी गुस्से में नजर आए। अरव‌िंद केजरीवाल ने अण्णा के मंच के दूसरी ओर लगे जनआंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय (एनएपीएम) के मंच पर अण्णा को समर्थन देने की घोषणा की।
अन्ना के साथ क‌िसान नहीं: बीकेयू

अन्ना के साथ क‌िसान नहीं: बीकेयू

जंतर-मंतर पर भूम‌ि अध‌िग्रहण के मुद्दे पर अन्ना आंदोलन जारी था और इधर द‌िल्ली के कॉन्सटीट्यूटशन क्लब में क‌िसानों के हकों की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले क‌िसान संगठन भारतीय क‌िसान यून‌ियन (बीकेयू) की इसी मुद्दे पर अलग से प्रैसवार्ता चल रही थी। अन्ना आंदोलन से जुड़े लोगों का कहना था क‌ि उनके साथ देशभर के सभी क‌िसान संगठन हैं जबक‌ि क‌िसानों का महत्वपूर्ण संगठन बीकेयू इसी मुद्दे पर अन्ना से अलग रहा।
जन्तर-मन्तर पर फिर अन्ना आंदोलन

जन्तर-मन्तर पर फिर अन्ना आंदोलन

भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ अन्ना हजारे का आंदोलन जारी है। देश भर से किसान संगठनों का आना जारी है। आज शाम चार बजे तक जंतर-मंतर पर अन्ना को सुनने वालों की तादाद करीब पांच हजार थी। इससे पहले लोकपाल बिल के लिए जब अन्ना हजारे ने आंदोलन शुरू किया था तो उस आंदोलन ने देश की में राजनीति भूचाल ला दिया था। उस समय न केवल आंदोलन की गूंज दूर तक गई थी बल्कि अन्ना टीम के कई सदस्यों को राजनीति में पैर रखने के लिए नया फलक भी मिला। आज वे सदस्य राजनीति ने नए हीरो हैं। शायद इस दफा आंदोलन का कोई राजनीतिक फायदा न उठा सके इसके लिए अन्ना ने किसी को भी मंच सांझा नहीं करने दिया। मंच सिर्फ अन्ना और उनका निजी कामकाज देख रहे दत्ता अवारी ही थे।
बेदखल आदिवासियों का लुप्त होता भोजन

बेदखल आदिवासियों का लुप्त होता भोजन

धीरे-धीरे आदिवासी भोजन खत्म होने की कगार पर पहुंच रहा है। परंपरागत आदिवासी भोजन न मिलनेकी वजह से 54 फीसदी आदिवासी बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। यूनिसेफ और आदिवासी मामलों के मंत्रालय की संयुक्त पड़ताल में सामने आया है कि इसकी मुख्य वजह जंगल संबंधी नई नीतियां हैं, जिनके चलते आदिवासियों को उनके परंपरागत एवं पोषक भोजन से दूर कर दिया गया।
इंद्रहार दर्रे की ट्रेकिंग का रोमांच

इंद्रहार दर्रे की ट्रेकिंग का रोमांच

अगर आप इस्राइली संस्कृति के रंग में रंगना चाहते हैं, शकशुका (इस्राइली व्यंजन) के चटखारे लेना चाहते हैं और साथ-साथ धौलाधार रेंज के पथरीले पहाड़ों पर बोल्डर क्लाइंबिंग के शौकीन हैं तो हिमाचल प्रदेश में इंद्रहार दर्रा एकमात्र जगह हो सकती है। हालांकि 4342 मीटर की ऊंचाई पर धौलाधार पर्वतमाला की इंद्रहार चोटी फतह करना हर किसी के बूते की बात नहीं। नंगे पहाड़ के सिरे तक जाना चुनौती है शरीर और दिल दोनों के लिए। हम भी कुछ दिन के लिए इस अदभुत दुनिया में शरीक हुए।
मैं नहीं सरकार राष्ट्र विरोधी– प्रिया पिल्लई

मैं नहीं सरकार राष्ट्र विरोधी– प्रिया पिल्लई

ग्रीन पीस इंड‌िया की ऐक्ट‌िव‌िस्ट प्र‌िया प‌िल्लई ने अदालत में कहा है क‌ि वह सरकार को शपथ पत्र नहीं देंगी। गौरतलब है क‌ि सरकार ने द‌िल्ली उच्च न्यायालय से कहा है क‌ि प्र‌िया पिल्लई के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर वापस ले लिया जाएगा बशर्ते वह एक शपथ पत्र दें कि देश में कथित पर्यावरण मामलों के उल्लंघनों के खिलाफ ब्रिटेन की एक संसदीय समिति के समक्ष गवाही नहीं देंगी। गौरतलब है क‌ि 11 जनवरी को उन्हें आईजीआई हवाई अड्डे पर एक उड़ान से उतार लिया गया था। प्रिया ने आउटलुक की प्रमुख संवाददाता मनीषा भल्ला ने बात की।
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