Advertisement

सुषमा ‘शांडिल्य’

व्यंग के भीष्म पितामह हरिशंकर परसाई: समाज के ठेकेदारों को हजम नहीं होती थीं पाखंड पर करारी चोट

व्यंग के भीष्म पितामह हरिशंकर परसाई: समाज के ठेकेदारों को हजम नहीं होती थीं पाखंड पर करारी चोट

पद्मश्री हरिशंकर परसाई जी, हिंदी साहित्य में व्यंग्य को सर्वथा अलग विधा का दर्जा और उत्कृष्ट मुकाम...
शहरनामा/ इलाहाबाद: कपड़ाफाड़ होली की परंपरा से लेकर ‘भौकालियों का शहर, यहां माटी और हवा का ऐसा है असर

शहरनामा/ इलाहाबाद: कपड़ाफाड़ होली की परंपरा से लेकर ‘भौकालियों का शहर, यहां माटी और हवा का ऐसा है असर

“इलाहाबाद की माटी और हवा का असर है कि यहां के बालक तक डरते नहीं, बल्कि अक्सर घुस के तमाशा देखने में...
Advertisement
Advertisement
Advertisement