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आम बजट 2024 पेश करने के लिए संसद पहुंचीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करने के लिए संसद पहुंचीं। इससे पहले, सुबह 11...
आम बजट 2024 पेश करने के लिए संसद पहुंचीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करने के लिए संसद पहुंचीं। इससे पहले, सुबह 11 बजे बजट पेश होने से पहले सीतारमण ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।

वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश किये जाने से पहले प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की संसद में केंद्रीय बजट को मंजूरी देने के लिए बैठक हुई।

इससे पहले, वित्त मंत्री केंद्रीय बजट 2024- 25 की एक प्रति के साथ वित्त मंत्रालय के नॉर्थ ब्लॉक कार्यालय से निकली, जो परंपरा के अनुसार डिजिटल प्रारूप में है।

राष्ट्रपति भवन के लिए रवाना होने से पहले वित्त मंत्री ने अपनी टीम के साथ लाल 'बही कथा' डिजिटल टैबलेट के साथ फोटो खिंचवाई।

11 बजे वित्त मंत्री सीतारमण सदन में बजट पेश करेंगी। फिर उनका भाषण होगा। यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट है इसलिए देश के हर वर्ग को बजट से काफी उम्मीदें है।

इससे पहले वित्त मंत्री ने मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया था। आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने कहा है कि वित्त वर्ष 2024-25 में देश की जीडीपी 6.5-7 फीसदी के बीच रहने का अनुमान है।

लगातार सातवां बजट पेश केरने के साथ ही वह पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का रिकॉर्ड तोड़ देंगी। हालांकि, सबसे अधिक बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड अब भी देसाई के पास ही है। सीतारमण को 2019 में भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनाया गया था। तब से सीतारमण ने इस साल फरवरी में एक अंतरिम सहित लगातार छह बजट पेश किए हैं। वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट उनका लगातार सातवां बजट होगा। वह देसाई के रिकॉर्ड से आगे निकल जाएंगी, जिन्होंने 1959 से 1964 के बीच लगातार पांच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश किया था।

कांग्रेस ने केंद्रीय बजट पेश किए जाने से एक दिन पहले सोमवार को कहा कि इस बजट में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की घोषणा करने की जरूरत है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सरकार से अपील की कि किसान कर्ज माफी की आवश्यकता का आकलन करने, परिमाण का आकलन करने और कृषि ऋण माफी के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक स्थायी आयोग की स्थापना की जानी चहिए। रमेश ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'केंद्र सरकार की तमाम विफलताओं में से कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की क्षमताहीनता और दुर्भावना से भरा व्यवहार सबसे अधिक हानिकारक है।'

 

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