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मीडिया और मनोरंजन जगत बजट से नाखुश

सन 2016 केंद्रीय बजट की घोषणा के बाद के बाद मीडिया और एंटरटेनमेंट को नजरंदाज करने के लिए इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन ने सवाल उठाए हैं।
मीडिया और मनोरंजन जगत बजट से नाखुश

फाउंडेशन के सेक्रेटरी जनरल गिरीश श्रीवास्तव ने सन 2016 के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, हम वित्त मंत्री को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने समग्र बजट पेश किया है जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को चहुंदिशाओं में विकास का मौका मिलेगा। लेकिन यदि हम सिर्फ ब्रॉडकास्टिंग सेक्टर की बात करें तो वित्त मंत्री ने टैक्स और पॉलिसी नीतियों पर बात की है, लेकिन इससे बड़ी निराशा है कि उन्होंने इनकम टैक्स 1961 के सेक्शन 72 ए के तहत आने वाले सेवा क्षेत्र के बारे में सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा।

यह भी दुर्भाग्य है कि मीडिया और एंटरटेनमेंट उद्योग सरकार की डिजीटल विस्तार में अहम भूमिका रखता है। ब्रॉडकास्टर्स ने एक और बात उठाई है जिसमें बजट से पहले अपने ज्ञापन में ट्रांसपोंडर के अधिक शुल्क पर कर लगाने का सवाल उठाया था और यह सेक्टर चाहता था, कि संशोधित वित्त अधिनियम 2012 के अंतर्गत डीटीएए में रॉयल्टी को सही तरीके से परिभाषित किया जाए। 

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