यह कदम आंवला जूस के बारे में एक सरकारी प्रयोगशाला की प्रतिकूल रिपोर्ट के बाद उठाया गया है। अपने कई विज्ञापनें में खुद पतंजलि आयुर्वेद लैब जांच में खरा उतरने का दावा करता है, लेकिन आंवला जूस के मामले में इन दावों पर सवाल उठ गया है।
बिजनेस अखबार इकनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, गत तीन अप्रैल को सीएसडी ने अपने सभी डिपो को लिखे पत्र में कहा है कि आंवला जूस के के मौजूदा स्टॉक का डेबिट नोट तैयार करे, ताकी इन्हें लौटाया जा सके। गौरतलब है कि आंवला जूस पतंजलि के सबसे पहले प्रोडक्ट्स में से एक है। इसकी कामयाबी के चलते ही कंपनी को दर्जनों दूसरे प्रोडक्ट उतारने में मदद मिली थी।
मामले की जानकारी रखने वाले दो अधिकारियों ने बताया कि कोलकाता स्थित सेंट्रल फूड लैबरेटरी में पतंंजलि आंवला जूस के दो बैचाेें की जांच की गई थी। इस जांच में इसे इस्तेमाल के योग्य नहीं पाया गया। पतंजलि ने भी सभी आर्मी कैंटीनाेें से आंवला जूस को वापस ले लिया है।
इस बारे में सीएसडी और पतंजलि आयुर्वेद ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।