मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा में अपनी सरकार का बजट पेश किया। बता दें कि भूपेश बघेल गोबर से बना सूटकेस लेकर विधानसभा पहुंचे, जिसपर ‘गोमय वसते लक्ष्मी’ लिखा था। उन्होंने इस दौरान कई अहम घोषणाएं की। अपनी बजट भाषण उन्होंने किसानों की जिक्र करते हुए शुरू किया और उनके लिए भूमिहीन मजदूर न्याय योजना का ऐलान किया। इस स्कीम के तहत किसानों को सालाना 7000 रुपये मिल सकेंगे।
अपने बजट भाषण में बघेल ने आगे कहा कि मौजूदा सरकार ने पहले साल में 17.96 लाख किसानों का 8744 करोड़ का कर्ज माफ किया है और 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की गई। उन्होंने कहा कि इसके इतर उनकी सरकार ने खरीफ 2018 के धान के लिए 15.77 लाख किसानों को 6022 करोड़ का बोनस भी दिया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 1 लाख 5 हजार करोड़ के बजट में समाज के हर वर्ग को रखने की कोशिश की है। बजट में 6 नई तहसीलें बनाने की घोषणा गई है। इस बजट में लोगों को राहत देते हुए कोई टैक्स नहीं लगाया गया है। बजट भाषण में बघेल ने बताया कि मेडिकल कॉलेज रायपुर में स्नातक छात्र छात्राओं के हॉस्टल निर्माण तथा कर्मचारियों के आवास निर्माण हेतु 10.50 करोड़ का प्रावधान किया, वहीं, खैरागढ़ में 50 बिस्तर सिविल अस्पताल के भवन निर्माण का भी प्रावधान है। बजट में राजीव गांधी ग्रामीण कृषि भूमिहीन मजदूर नई योजना के तहत आगामी वर्ष के लिए वार्षिक सहायता राशि 6000 से बढ़ाकर 7000 किया गया है।
बजट की खास बात यह थी कि इस दौरान छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना भी बहाल की गई। छत्तीसगढ़ सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की मांग को देखते हुए पुरानी पेंशन योजना को राज्य में लागू कर दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वित्तमंत्री के रूप में बजट प्रस्तुत करते हुए सदन में इस संबध में घोषणा की। राजस्थान के बाद देश में छत्तीसगढ़ दूसरा कांग्रेस शासित राज्य है, जिसने पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया है।
वर्ष 2005 में देश भर में पेंशन पर बढ़ते खर्च को देखते हुए सरकारों ने पेंशन योजना को बंद कर दिया था। उसके बाद से लगातार सरकारी संगठन इस योजना को दोबारा से शुरू करने की मांग करते रहे हैं। मध्य प्रदेश में भी सरकारी कर्मचारियों के सभी संगठन इस तरह की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे है।
वहीं, बजट भाषण के दौरान सीएम भूपेश बघेल ने यह घोषणा की है कि छत्तीसगढ़ व्यवासायिक परिक्षा मंडल और छत्तीसगढ़ राज्य लोकसेवा आयोग के द्वारा ली जाने वाली सभी परिक्षाओं के लिए छत्तीसगढ़ के मूूल निवासियों को कोई शुल्क नहीं देना होगा। इन दोनों एजेंसियों द्वारा आयोजित की जाने वाली परिक्षाओं में राज्य के मूल निवासी बिना कोई शुल्क दिए शामिल हो सकेंगे।