तेल अवीव यूनिवर्सिटी में मेक इन महाराष्ट्र के लिए भारत-इस्राइल सहयोग विषय पर सोमवार को आयोजित एक संगोष्ठी में फडणवीस ने महाराष्ट्र को भारत का पावरहाउस बताया। फडणवीस ने कहा, मुंबई भारत की आर्थिक राजधानी है लेकिन इसमें विश्व की आर्थिक राजधानी बनने की क्षमता है और हमारी सरकार ने मुंबई को वैश्विक आर्थिक केंद्र के रूप में विकसित करने की पहल शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, मुंबई का टाइम ज़ोन विश्व के सभी बड़े पूंजी बाजारों के समय के अनुरूप है।
वैश्विक मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की महाराष्ट्र के मुंबई में मौजूदगी है। उन्होंने कहा, हम वैश्विक कोष प्रबंधकों की मेजबानी के लिए कारोबारी क्षेत्र मुंबई में अतुलनीय संरचनाओं का निर्माण कर रहे हैं। फडणवीस ने महाराष्ट्र में इंडो-इस्राइल इंडस्ट्रीयल पार्क स्थापित करने की पेशकश की है। उनका कहना है कि इस सहयोग से द्विपक्षीय संबंधों को नए स्तर पर ले जाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा जन समुदाय के लिए एक बेहतरीन व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में भी मदद मिलेगी।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, इस्राइल के पास तकनीक, बुद्धि कौशल है, उसके पास नवोन्मेष है और भारत उनसे सहयोग का आग्रह करता है। यदि इस्राइली तकनीक और भारत का कौशल मिल जाएं तो मुझे लगता है कि इससे न केवल कारोबारी वर्गों के लिए बल्कि बड़े पैमाने पर जन समुदाय के लिए एक बेहतरीन पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण होगा। फडणवीस ने कहा, कृषि, आईसीटी और रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में बहुत ज्यादा गुंजाइश है।
तेल अवीव यूनिवर्सिटी में सोमवार को मेक इन महाराष्ट्र के लिए भारत-इस्राइल सहयोग पर आयोजित विचार गोष्ठी के दौरान अपने भाषण में उन्होंने महाराष्ट्र को भारत का पावर हाउस बताया। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि हमें अपने संबंधों को नए स्तर पर पहुंचाना होगा और इसके लिए यही सही समय है। मेरा मानना है कि हम इस सहयोग को आगे बढ़ा सकते हैं इसलिए मैं आप सभी को भारत आमंत्रित करता हूं। मुझे उम्मीद है कि आज का दिन भारत-इस्राइल संबंधों में नया अध्याय खोलेगा।
उन्होंने कहा, कई उत्कृष्ट केंद्रों के जरिय राज्य में कृषि के क्षेत्र में इस्राइल-महाराष्ट्र सहयोग पहले से ही हो रहा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने राज्य में रक्षा के क्षेत्र में भी निवेश का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, जैसा कि आप सभी जानते हैं कि इस्राइल भारत में रक्षा उपकरणों का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता देश है। इसलिए मुझे लगता है कि यह न केवल आपूर्ति करने का समय है बल्कि यह भारत में खासकर महाराष्ट्र में विनिर्माण करने का भी समय है।
महाराष्ट्र ने पहले ही पुणे के पास इंडो-जापानी इंडस्ट्रीयल पार्क तैयार करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री मंगलवार से शुरू हो रहे तीन दिवसीय 19वें अंतरराष्ट्रीय कृषि तकनीक प्रदर्शनी एग्रीटेक इस्राइल 2015 में भी हिस्सा लेंगे। युवा नेता अपनी यात्रा के दौरान इस्राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के अधिकारियों से भी मिलने वाले हैं और वह उनसे अपने उत्पाद को और अधिक किफायती बनाने के लिए महाराष्ट्र में कुछ विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने की अपील करेंगे।
उन्होंने कहा, विनिर्माण क्षेत्र मानव संसाधन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। कई देशों में विनिर्माण ऐसी गतिविधि नहीं है जहां लोग इसमें ज्यादा निवेश करना चाहते हैं क्योंकि यह वहन योग्य नहीं है। लेकिन भारत के महाराष्ट्र में यह न केवल वहनीय है बल्कि यहां क्षमतावान मानव कौशल की भी भरमार है।