अगर आपको आज या कल किसी सरकारी बैंक या अन्य किसी सरकारी संस्था में कोई काम है तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि केंद्रीय श्रमिक संघों के 20 करोड़ कर्मचारी मंगलवार से 2 दिन की देशव्यापी हड़ताल पर हैं। ऐसे में आपको कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं।
देश के ज्यादातार सार्वजनिक बैंकों के कर्मियों ने इस हड़ताल में हिस्सा लेने की घोषणा की है। बैंक कर्मचारी बैकों में हो रहे निजीकरण, विलय और एनपीए की वसूली की मांग को ले कर प्रदर्शन करेंगे।
क्यों है बैंकों की हड़ताल
सरकार पर एंटी वर्कर्स पॉलिसी का आरोप लगाकर विरोध के रूप में ये हड़ताल बुलाई गई है। अब इस हड़ताल को दो बैंक यूनियंस का भी समर्थन मिला है। केंद्रीय श्रमिक संघों के कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार की नीतियां श्रमिक विरोधी हैं। इसके खिलाफ प्रदर्शन के लिए हड़ताल का फैसला लिया गया।
यूनियनों ने केंद्र सरकार के सामने रखी ये 12 मांगें
वेतन बढ़ोतरी समेत श्रमिक संगठनों की 12 सूत्रीय मांगें हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, टेलीकॉम, कोल, स्टील, बैंकिंग, इंश्योरेंस और ट्रांसपोर्ट सेक्टर में 10 श्रमिक संगठनों के कर्मचारी हड़ताल में शामिल हैं। इससे इन सेक्टर की सेवाओं पर असर पड़ेगा।
कामकाज हो सकता है प्रभावित
बैंक ऑफ बड़ौदा ने बंबई शेयर बाजार को अलग से सूचित किया है कि 8 और 9 जनवरी को एआईबीईए और बीईएफआई के हड़ताल के कारण कुछ क्षेत्रों में बैंकों की शाखाओं एवं कार्यालयों में कामकाज प्रभावित हो सकता है।
ये 10 श्रमिक संगठन हड़ताल में शामिल
- आईएनटीयूसी
- एआईटीयूसी
- एचएमएस
- सीआईटीयू
- एआईटीयूसी
- टीयूसीसी
- एसईडब्ल्यूए
- एआईसीसीटीयू
- एलपीएफ
- यूटीयूसी
जानें कैसे बचें परेशानी से
लेकिन, इस दौरान अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखें तो आप कैश की किल्लत से बच सकते हैं। सबसे पहले बता दें कि हड़ताल वाले दिनों में केवल सरकारी बैंक बंद रहेंगे, जबकि प्राइवेट बैंकों में कामकाज जारी रहेगा इसलिए अगर आपका अकाउंट किसी प्राइवेट बैंक है तो वहां से आप लेन-देन कर सकते हैं।
यहीं नहीं इस दौरान आप अगर कहीं से खरीदारी कर रहे हैं तो डेबिट या क्रेडिट कार्ड से ही पेमेंट करने की कोशिश करें। साथ ही, दूसरे डिजिटल पेंमेंट के तरीकों जैसे पेटीएम, एयरटेल पेमेंट बैंक वगैरह का इस्तेमाल करके परेशानी से बचा जा सकता है।
20 करोड़ कर्मचारी हैं हड़ताल पर
सरकार के एक तरफा श्रम सुधार और श्रमिक-विरोधी नीतियों का हवाला देते हुए केंद्रीय श्रमिक संघों ने मंगलवार से दो दिन की देशव्यापी हड़ताल बुलाई है। संघों ने एक संयुक्त बयान में जानकारी दी कि करीब 20 करोड़ कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल होंगे।
एटक की महासचिव अमरजीत कौर ने दिल्ली में 10 केंद्रीय श्रमिक संघों की एक प्रेस कांफ्रेस में सोमवार को कहा था कि बीजेपी सरकार की जनविरोधी और श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ इस हड़ताल में सबसे ज्यादा संख्या में संगठित और असंगठित क्षेत्र के कर्मचारी शामिल होंगे।'
उन्होंने कहा कि दूरसंचार, स्वास्थ्य, शिक्षा, कोयला, इस्पात, बिजली, बैंकिंग, बीमा और परिवहन क्षेत्र के लोगों के इस हड़ताल में शामिल होने की उम्मीद है।
26 दिसंबर को भी बैंक कर्मी हड़ताल पर थे
इससे पहले बीते माह 26 दिसंबर को भी बैंककर्मी हड़ताल पर थे। विजया बैंक और देना बैंक के बैंक ऑफ बड़ौदा में प्रस्तावित विलय के खिलाफ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों की यूनियन ने यह हड़ताल आयोजित किया था।
यूनियनों का दावा है कि सरकार विलय के जरिये बैंकों का आकार बढ़ाना चाहती है, लेकिन यदि देश के सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को भी मिलाकर एक कर दिया जाए तो भी विलय के बाद अस्तित्व में आई इकाई को दुनिया के शीर्ष दस बैंकों में स्थान नहीं मिलेगा।