Advertisement

मिनिमम बैलेंस न रखने पर बैकों ने 11 हजार करोड़ से अधिक वसूले

पिछले चार सालों में सार्वजनिक क्षेत्र के 21 बैंको सहित कुल 24 बैंको ने बैंक खातों में मिनिमम बैलेंस न...
मिनिमम बैलेंस न रखने पर बैकों ने 11 हजार करोड़ से अधिक वसूले

पिछले चार सालों में सार्वजनिक क्षेत्र के 21 बैंको सहित कुल 24 बैंको ने बैंक खातों में मिनिमम बैलेंस न रखने पर अपने ग्राहकों से पेनाल्टी स्वरुप रूप में 11,500 करोड़ रुपये वसूल किए।
सार्वजनिक क्षेत्र के 21 बैंकों ने चार साल में जहाँ 6,160.14 करोड़ वसूले तो निजी क्षेत्र की तीन बैंकों ने इतने ही समय में 5,360.75 करोड़ रुपए वसूल किए।
लोकसभा में दिए गए एक प्रश्न के जवाब में वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने बताया कि एक जुलाई 2015 से रिजर्व बैंक द्वारा ‘बैंको में ग्राहक सेवाओं’ के अंतर्गत एक परिपत्र के अनुसार बैंकों को यह अधिकार दिया गया कि ग्राहकों को दी जा रही अपनी सेवाओं पर बैंक युक्तिसंगत चार्जेज लगा सकें।
पिछले वित्त वर्ष की बात करें तो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में जहां भारतीय स्टेट बैंक ने 2400 करोड़ से अधिक पेनाल्टी के रुप में बसूले वहीं निजी क्षेत्र में 590 करोड़ से अधिक के साथ एचडीएफसी बैंक पहले स्थान पर रहा।
इस नीति के अंतर्गत किसी खाताधारक के उस बैंक की नीति के अनुसार अपने बचत खाते में एक न्यूनतम राशि रखनी होती है। भारतीय स्टेट बैंक को देखें तो यह मेट्रो शहरों में 3000 राशि रखने की सीमा है। वहीं अर्ध-शहरी इलाकों में 2000 और ग्रामीण क्षेत्रों में 1000 रुपये रखने होते हैं।
इस नीति के अंतर्गत जनधन खातों सहित बुनियादी बचत बैंक जमा खातों को न्यूनमत राशि न रखने की छूट दी गई है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad