कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जीएसटी का क्रियान्वयन महज अहंकार में किया गया था। उन्होंने कहा कि इसे हड़बड़ी में सिर्फ इसलिए लागू किया गया क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आधी रात को संसद में भाषण देना चाहते थे। उन्होंने यह बात अर्थशास्त्री अरुण कुमार की किताब ‘ग्राउंड स्कोरिंग टैक्स’ के विमोचन के मौके पर कही।
‘पीएम मोदी को आधी रात में संसद में भाषण देने का शौक पूरा करना था’
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘जीएसटी के छह महीने के परीक्षण जैसा कोई तरीका होना चाहिए था। छह महीने के परीक्षण से खामियों-अच्छाइयों की विस्तार से जानकारी मिलती और यह पता चलता कि इसे नये सिरे से लागू करना है या लागू ही नहीं करना है। मुझे यह कहने में कोई संकोच या संदेह नहीं है कि जीएसटी का कारण सिर्फ अहंकार रहा।’
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री को आधी रात में संसद में भाषण देने का शौक पूरा करना था। हम सभी को रात में जागना पड़ा लेकिन 1947 की तरह खुशी और गौरव के लिए नहीं बल्कि परेशानी के लिए।‘
असंगठित क्षेत्र पर पड़ेगी जीएसटी का गलत प्रभाव: अरुण कुमार
इस मौके पर अर्थशास्त्री अरुण कुमार ने कहा कि जीएसटी की न सिर्फ प्लानिंग गलत है बल्कि यह संरचनात्मक समस्याओं से भी ग्रस्त है जो हमारे साथ रहेंगी। कुमार ने कहा कि जीएसटी अपने मौजूदा स्वरूप में असंगठित क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। उन्होंने कहा, ‘इससे संगठित क्षेत्र का विस्तार होगा, जबकि असंगठित क्षेत्र कम होगी जिससे असमानताएं बढ़ेंगी।‘
कार्यान्वयन बेहतर हो सकता था: पवन वर्मा
जनता दल (यूनाइटेड) के नेता पवन वर्मा ने कहा कि इस बारे में राजनीतिक सर्वसम्मति थी कि कुछ प्रकार के पर्याप्त कर सुधार होने चाहिए लेकिन इस बात पर भी सहमति थी कि इसका कार्यान्वयन बेहतर हो सकता था।