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भारत ने तेल आयात कटौती की तो ईरान ने भुगतान का समय कम किया

भारत ने ईरान से कच्चे तेल आयात की मात्रा कम की तो ईरान ने बदले में आयातित तेल के भुगतान का समय तीन माह से घटाकर दो माह कर दिया साथ ही भाड़ा दर भी बढ़ा दी।
भारत ने तेल आयात कटौती की तो ईरान ने भुगतान का समय कम किया

ईरान, भारत का तीसरा बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश है। वह इंडियन ऑयल कार्पोरेशन (आईओसी) और मंगलूर रिफाइनरी एण्ड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) जैसी भारतीय तेल आयातक कंपनियों को भुगतान के लिये 90-दिन का समय देता रहा है, जिसे अब घटाकर 60 दिन कर दिया गया है। मामले से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

ईरान से तेल आयात काफी आसान शर्तों पर होता रहा है। भारतीय रिफाइनिंग कंपनियों के लिये ये काफी आकर्षक रहे हैं। तेल आयात का भुगतान 90 दिनों में करने के साथ ही ईरान सामान्य समुद्री भाड़े का 20 प्रतिशत ही भाड़ा लेता है। इसके विपरीत पश्चिम एशिया के दूसरे देश भुगतान के लिये 15 दिन से ज्यादा समय नहीं देते हैं।

सूत्रों ने बताया कि ईरान की नेशनल ईरानियन ऑयल कंपनी ने भारतीय खरीदारों को भाड़े पर कटौती को 80 प्रतिशत से घटाकर 60 प्रतिशत करने का फैसला किया है।

आईओसी और एमआरपीएल ईराने से कच्चे तेल की सबसे बड़ी खरीदार है। उन्होंने चालू वित्त वर्ष के दौरान ईरान से तेल आयात को पिछले साल के 50 लाख टन से घटाकर 40 लाख टन करने का फैसला किया है। भारत पेटोलियम और हिन्दुस्तान पेटोलियम भी आयात में पांच-पांच लाख टन की कटौती करेंगे। ये दोनों कंपनियां अब 15--15 लाख टन कच्चे तेल का आयात करेंगी।

दरअसल, भारत ने तेहरान पर उसके फर्जाद-बी क्षेत्र को ओएनजीसी विदेश लिमिटेड को आवंटित करने के लिये दबाव बनाया। ओएनजीसी विदेश ने क्षेत्र में दस साल पहले खोज की थी और वह इसे विकसित करने का अधिकार चाहता है। क्षेत्र में 12,500 अरब घनफुट तेल-गैस का भंडार होने का अनुमान है।

इस सप्ताह शुरु में ईरान के तेल मंत्री ने आयात कटौती की किसी भी तरह की धमकी को दरकिनार करते हुये कहा, हम धमकी के दबाव में समझौते नहीं करते हैं। ईरानी समाचार एजेंसी इरना ने मंत्री के हवाले से कहा, डराने धमकाने की भाषा का इस्तेमाल उचित नहीं है, ईरान का तेल खरीदने के लिये कई ग्राहक हैं और उनकी मांग हमारी निर्यात क्षमता से भी ज्यादा है।

भारत, चीन के बाद ईरान का दूसरा बड़ा तेल खरीदार है। पश्चिमी देशों के प्रतिबंध के बावजूद भारत उन कुछ देशों में शामिल रहा है जो ईरान से तेल आयात करते रहे हैं। पिछले साल ईरान से प्रतिबंध हटने के बाद से फर्जाद-बी गैस क्षेत्रा को विकसित करने के ओवीएल को अधिकार देने में ईरान सख्ती दिखाता रहा है। हालांकि, ओवीएल ने क्षेत्र के विकास के लिये पांच अरब डालर से अधिक की नई मास्टर विकास योजना सौंपी है।

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