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रुपया ऑल टाइम लो लेवल पर, 70.82 का हुआ एक डॉलर

रुपये में गिरावट का दौर जारी है। गुरुवार सुबह रुपया डॉलर के मुकाबले 70.82 के स्तर पर पहुंच गया। रुपये में...
रुपया ऑल टाइम लो लेवल पर, 70.82 का हुआ एक डॉलर

रुपये में गिरावट का दौर जारी है। गुरुवार सुबह रुपया डॉलर के मुकाबले 70.82 के स्तर पर पहुंच गया। रुपये में यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है।

वहीं, बुधवार के कारोबार में रुपये दिन का कारोबार खत्म होने पर 49 पैसे टूटकर 70.59 पर बंद हुआ। जबकि दोपहर के 1 बजकर 32 मिनट पर रुपया डॉलर के मुकाबले 70.54 के स्तर पर पहुंच गया था। दिन के लगभग 11 बजकर 50 मिनट पर डॉलर के मुकाबले 70.50 पर कारोबार कर रहा था। कुछ देर में इसने 70.52 का भी स्तर छू लिया। जब‌‌कि  दिन के कारोबार में रुपया सुबह 9:30 बजे डॉलर के मुकाबले 70.32 पर कारोबार कर रहा था।

ये है वजह

डॉलर की माह अंत की मांग तथा विदेशी कोषों की निकासी से रुपये में गिरावट आई है। कच्चे तेल के दाम बढ़ने से मुख्य रूप से तेल रिफाइनरी कंपनियों की डॉलर में मांग बढ़ी है। कारोबारियों ने कहा कि विदेशी बाजारों में अन्य मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती से भी रुपया प्रभावित हुआ है।

कंज्यूमर और इलेक्ट्रॉनिक सामान होंगे महंगे

डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट लगातार बढ़ती जा रही है तथा रुपये की लगातार कमजोर इकोनॉमी के लिए चिंताजनक है। इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर भी पड़ने वाला है। रुपये की कमजोरी से फ्रिज, टीवी, एसी या लैपटॉप जैसे कंज्यूमर और इलेक्ट्रॉनिक सामान महंगे हो जाएंगे तथा इनको खरीदने के लिए आम आदमी को ज्यादा पैसे चुकाने होंगे। इन सामानों को बनाने में लगने वाले कुछेक उत्पादों का आयात किया जाता है।

कारें भी हो सकती हैं महंगी

रुपये की कमजोरी का असर कारों के आयातित कल-पूर्जो पर भी पड़ेगा, जिससे कार कंपनियां भी दाम बढ़ा सकती हैं। अत: कार खरीदने वाले ग्राहकों को भी ज्यादा खर्च करना पड़ेगा।

माल-भाड़ा बढ़ने का अनुमान

डॉलर की मजबूती से कच्चे तेल का आयात महंगा हो रहा है। जिससे पेट्रोल और डीजल के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं। बुधवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 78.18 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई है जबकि डीजल के दाम भी बढ़कर 69.75 के स्तर पर पहुंच गए। इसका सीधा असर परिवहन लागत पर पड़ेगा और माल-भाड़े महंगे हो जायेंगे। माल-भाड़े बढ़ने से आम आदमी की रोजमर्रा की चीजें जैसे दालें, खाद्य तेल और अन्य उत्पाद महंगे हो जायेंगे।

निर्यातकों को होगा फायदा

रुपये की तुलना में डॉलर की मजबूती से हमारे यहां से निर्यात हो रहे उत्पादों जैसे चावल, मसाले, कपास आदि के निर्यातकों को फायदा होगा।

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