मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने गुरुवार को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था की जो बुनियाद है, उस हिसाब से इसकी रेटिंग काफी बेहतर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देनदारी चुकाने की भारत की क्षमता और इच्छा, दोनों असंदिग्ध और सोने की तरह खरा है। गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की रेटिंग घटाते हुए इसे निवेश के सबसे निचले ग्रेड में रखा। एसएंडपी ने रेटिंग तो नहीं घटाई, लेकिन इसे सबसे निचले निवेश ग्रेड में बरकरार रखा। सुब्रमण्यम ने एक तरह से इस रेटिंग को खारिज किया है।
इस साल आर्थिक वृद्धि को लेकर मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करेगी कि हालात कब ठीक होते हैं। यह फिलहाल अनिश्चित है कि अर्थव्यवस्था में रिकवरी इस साल की दूसरी छमाही में शुरू होगी या अगले साल। वित्त मंत्रालय इस साल के लिए विकास अनुमान के बड़े रेंज पर काम कर रहा है। मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही या अगले साल रिकवरी भी इसी का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हम सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं और उनका मूल्यांकन कर रहे हैं।
अक्टूबर-मार्च में रिकवरी हुई तो विकास दर ज्यादा नहीं गिरेगी
सुब्रमण्यम ने कहा कि इस वर्ष भारत की अर्थव्यवस्था में गिरावट आएगी, लेकिन अक्टूबर-मार्च में रिकवरी हुई तो यह गिरावट ज्यादा नहीं होगी। अप्रैल में जब लॉकडाउन के शुरुआती दिन थे, तब वित्त मंत्रालय ने वी-शेप रिकवरी का अनुमान लगाते हुए इस साल 1.5 से दो फीसदी विकास दर की बात कही थी। स्पैनिश फ्लू के समय भी वी-शेप रिकवरी हुई थी। लेकिन अभी यह अनिश्चित है कि रिकवरी इस साल होगी या अगले साल।
अगले साल है तेज विकास दर का अनुमान
2019-20 में भारत की विकास दर 4.2 फीसदी रही जो 11 वर्षों में सबसे कम है। एसएंडपी ग्लोबल और फिच रेटिंग्स ने इस साल विकास दर शून्य से पांच फीसदी, जबकि मूडीज ने शून्य से चार फीसदी नीचे रहने का अंदेशा जताया है। हालांकि 2021-22 में सबने तेज रिकवरी का अनुमान जताया है। एसएंडपी का अनुमान 8.5 फीसदी, फिच का 9.5 फीसदी और मूडीज का 8.7 फीसदी का है।