कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि देश की विकास दर कमजोर हो रही है और वादा किए गए "सुधार" का कोई संकेत नहीं है। उन्होंने यह बात देश में वर्ष 2021-22 के लिए 8.7 प्रतिशत की समग्र जीडीपी वृद्धि दर्ज करने के बाद कही, जिसमें अंतिम तिमाही में 4.1 प्रतिशत की वृद्धि दर दिखाई गई।
चिदंबरम ने ट्विटर पर कहा, "वह ग्राफ सब कुछ बताता है। विकास दर हर तिमाही के साथ कमजोर हो रही है और वादा किए गए 'वसूली' का कोई संकेत नहीं है।" पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि 2021-22 में जीडीपी 2019-20 में हासिल किए गए स्तर से बमुश्किल ऊपर है। उन्होंने कहा, "इसका मतलब है कि आपके दो साल बाद, भारत की अर्थव्यवस्था लगभग उसी स्तर पर है, जो 31-3-2020 को थी।"
बता दें कि भारत की अर्थव्यवस्था में 2021-22 की चौथी तिमाही में गिरकर 4.1 प्रतिशत रही है, जिससे साल में बढ़कर 8.7 प्रतिशत हो गई है। इससे पहले अक्तूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 5.4 फीसदी रही थी।
अनुमान जताया गया था कि कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी और रूस-यूक्रेन युद्ध के लंबा खिंचने के कारण मार्च तिमाही में जीडीपी सुस्त रह सकती है। इन दोनों कारणों का असर चौथी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों में देखने को मिला है।