व्यापारियों के प्रमुख संगठन कनफेडरेशन आफ आल इंडिया टेडर्स (कैट) ने शिकायत की थी कि ई-कामर्स पोर्टल कानून से धोखाधड़ी कर बी2सी गतिविधियों में शामिल हुए, क्योंकि इस खंड में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है। मंत्रालय ने ईडी और रिजर्व बैंक को लिखे पत्र में कहा है, आग्रह किया जाता है कि इस मामले की जांच की जाए और उसके बाद उचित कार्रवाई की जाए।
कैट ने अपनी शिकायत में कहा है कि हाल में मेगा सेल की पेशकश करने वाली ई-रिटेलर आमेजन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील ने लोगों को आकर्षित करने के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया पर बड़ा विज्ञापन अभियान चलाया। चूंकि इन कंपनियां को विदेशी निवेश मिला है इसलिए इन्हें बी2बी ई-कामर्स गतिविधियों की अनुमति है, बी2सी की नहीं। इस तरह का विज्ञापन रिटेल कारोबार की श्रेणी में आता है।