हाल ही में उत्तर प्रदेश में संपन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा ने सत्ता में आने पर राज्य के किसानों के लिए कर्ज माफी योजना लाने का वादा किया है।
भारतीय उद्योग परिसंघ के एक कार्यक्रम में भट्टाचार्य ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'हमारा मानना है कि कर्ज माफी जैसी योजनाओं से हमेशा बैंक और कर्जदार के बीच जो एक अनुशासन बना रहता है, वह बिगड़ता है। जिन लोगों को कर्ज माफी मिलती है, उन्हें भविष्य में भी इस तरह की कर्ज माफी मिलने की उम्मीद रहती है। ऐसे में बाद में भी जो कर्ज दिए जाते हैं उन्हें भी अदा नहीं किया जाता है।'
उन्होंने कहा, 'आज हमारे कर्ज वापस मिल जाएंगे क्योंकि सरकार इनका भुगतान कर देगी, लेकिन उसके बाद जो नए कर्ज दिए जाएंगे उनके मामले में लोग फिर अगले चुनाव की प्रतीक्षा करने लगेंगे कि फिर से कर्ज माफ हो जाएंगे।'
भट्टाचार्य ने कहा कि किसानों की मदद की जानी चाहिए, यह महत्वपूर्ण है। लेकिन यह काम इस तरह होना चाहिए कि किसानों के बीच ऋण अनुशासन बना रहे। देश के इस सबसे बड़े बैंक ने अपने ट्रैक्टर लोन क्षेत्र में 6,000 करोड़ रुपये की एकबारगी निपटान योजना की घोषणा की थी ताकि कर्ज वसूली तेज हो सके। बैंक ने शिक्षा और लघु एवं मझोले उद्योगों के ऋणों में इस प्रकार की एकबारगी निपटान योजना की घोषणा की है।
उन्होंने कहा, 'हम ऐसे कई अन्य कर्जों के मामले में जो लंबे समय से लंबित हैं और लोगों को वहां दिक्कत हैं हम एक बारगी निपटान (ओटीएस) सुविधा देते रहे हैं। ओटीएस के बाद इन क्षेत्रों में वसूली काफी अच्छी रही है।'