समिति को आयकर कानून के उन प्रावधानों की पहचान करने को कहा गया था जिनके गलत ढंग परिभाषित किए जाने की वजह से अक्सर कर विवाद खड़े होते हैं। इसके साथ ही समिति कर कानूनों की वजह से कामकाज की सुगमता पर पड़ने वाले असर का भी आकलन करने को कहा गया था। समिति से कहा गया कि वह कानून के विभिन्न प्रावधानों को सरल बनाने के बारे में सुझाव भी दे।
समिति से कहा गया था कि वह कर आधार और राजस्व उगाही पर अधिक असर डाले बिना ऐसे सुझाव दे जिससे कि कानून का पालन सरल हो और कारोबार सुगमता परिवेश बेहतर हो। समिति ने इससे पहले जनवरी 2016 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
इस रिपोर्ट को सार्वजनिक भी कर दिया गया है। समिति ने इसमें स्रोत पर कर कटौती के प्रावधानों पर अपने सुझाव दिये थे। इसके अलावा कर योग्य आय में से व्यय कटौती दावों और कर रिफंड के बारे में में भी सुझाव दिये थे।