केंद्र सरकार ने कोरोना संकट की वजह से परेशान चल रहे ऑटो सेक्टर को बुधवार को बड़ी राहत दी है। मोदी सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन, हाइड्रोजन फ्यूल व्हीकल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव के तहत 26,058 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। वहीं टेलीकॉम और ड्रोन सेक्टर को भी राहत दी गई है।
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आज यह फैसला लिया गया। कैबिनेट के इस निर्णय के बाद ऑटो में सरकारी अनुमान के मुताबिक 7.5 लाख लोगों को नौकरियां मिलेंगी। इससे देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ऑटो, ऑटो कलपुर्जा और ड्रोन उद्योग के लिए 26,058 करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी। पीएलआई योजना भारत में उन्नत ऑटोमोटिव तकनीक की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के विकास को प्रोत्साहित करेगी।
ठाकुर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि उद्योग को पांच साल में 26,058 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पीएलआई योजना के तहत पांच वर्षों में 42,500 करोड़ रुपये से अधिक का नया निवेश होगा और 2.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वृद्धिशील उत्पादन होगा।
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि टेलीकॉम सेक्टर में 9 बड़े संरचनात्मक सुधार किए जा रहे हैं। वहीं एजीआर की परिभाषा को बदलते हुए इससे गैर टेलीकॉम रेवेन्यू को बाहर किया जाएगा। इसके अलावा टेलीकॉम सेक्टर में ऑटोमेटिक रूट से 100 प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी दे दी गई है। पीएम ने यह फैसला भी किया है कि ग्राहकों के सभी केवाईसी फॉर्म को अब डिजिटाइज किया जाएगा।