बैंक ने कहा कि किंगफिशर को दिया कर्ज़ उसी प्रकार के अन्य कर्ज़ों सहित एडवांसेज़ अंडर कलेक्शन एकाउंट्स (एयूसीए) कैटेगरी में डाल दिया गया है। बैंक के मुताबिक, इस कदम से अपने बही खातों से डूब चुके कर्ज़ को हटाया जा सकता है, और इसके बावजूद उसकी वसूली की कोशिशें जारी रखी जा सकती हैं।
बहरहाल, एसबीआई के एक पूर्व चेयरमैन ने कहा है कि बैंक किंगफिशर से कर्ज की वसूली की उम्मीद छोड़ चुका है। एसबीआई सहित किंगफिशर एयरलाइन्स के सभी लेनदारों को लगभग 6,000 करोड़ रुपये के उधार की वसूली में परेशानी का सामना करना पड़ा है, और इसमें मुश्किलें इसलिए भी बढ़ गईं, क्योंकि विजय माल्या देश में मौजूद नहीं हैं। माल्या इसी साल मार्च में देश से बाहर चले गए थे, जब कर्ज़ों की वसूली के लिए बैंक व वित्तीय घपलों की जांच में जुटी सरकारी एजेंसियां उनके पीछे थीं।
उधार लेते वक्त गिरवी रखी गई संपत्तियों में विजय माल्या का गोवा स्थित शानदार किंगफिशर विला भी शामिल है, जिसके लिए एसबीआई को अभी तक कोई खरीदार नहीं मिला है। विजय माल्या के उधार को बट्टे खाते में डाले जाने की ख़बर उस समय सार्वजनिक हुई, जब संसद में 500 और 1,000 रुपये के नोटों को पिछले हफ्ते अचानक बंद किए जाने से जनता को हो रही दिक्कतों के मुद्दे पर बहस हो रही थी।