प्लेटफार्म अब तक एक भी स्टार्ट-अप को सूचीबद्धता के लिये आकर्षित करने में विफल रहा है, अत: सेबी ने इसे अधिक आकर्षक बनाने के लिये नियमन में बदलाव का फैसला किया है। सेबी को इस बारे में उद्योग तथा संबद्ध पक्षों से सुझाव मिले हैं जिसके आधार पर बदलाव का निर्णय किया गया। सेबी निदेशक मंडल अगली बैठक में ताजा बदलाव पर चर्चा कर सकता है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन यू. के. सिन्हा ने हाल में बातचीत में कहा था कि नियमनों पर फिर से गौर किया जा रहा है। सिन्हा अमेरिका की यात्रा कर रहे हैं जहां वह निवेशकों के साथ बैठक करेंगे और भारतीय अर्थव्यवस्था की आर्थिक वृद्धि के बारे में निवेशकों को बतायेंगे।
इंस्टीट्यूशनल टेडिंग प्लेटफार्म (आईटीपी) में सरल अनुपालन नियम तथा घोषणा नियमों के अगस्त 2015 में अधिसूचित होने के बाद से किसी स्टार्टअप का इस प्लेटफार्म में अभी सूचीबद्ध होना बाकी है। नियमों के तहत स्टार्टअप बीएसई तथा एनएसई जैसे शेयर बाजारों के अलग आईटीपी पर सूचीबद्ध हो सकते हैं। सिन्हा ने कहा, एक भी कंपनी अब तक सूचीबद्ध नहीं हुई है। हालांकि, हमने उद्योग एवं संबद्ध पक्षों से विचार-विमर्श के बाद नियम बनाए हैं। हम फिर से नियमों में संशोधन पर विचार कर रहे हैं क्योंकि उद्योग की तरफ से कुछ ताजा सुझाव मिले हैं। समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा था कि सेबी की जुलाई में होने वाली निदेशक मंडल की बैठक में इस पर विचार हो सकता है।