इसके साथ ही यह प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) या कहें सीधे नकद सब्सिडी प्राप्त करने वाले सभी 17 करोड़ लाभार्थियों के खातों को आधार से जोड़ने के लक्ष्य के करीब पहुंच गई है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रवर्तित एनपीसीआई ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि जल्द ही सरकारी सहायता या लाभ अंतरण पाने वाले सभी लाभार्थियों को वह इस अंतरण कार्यक्रम के तहत ले आएगी।
एनपीसीआई ने एक बयान में कहा, ‘उसका ध्यान इस समय 17 करोड़ डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) लाभार्थियों के खातों को 30 जून से पहले आधार से जोड़ने पर है।’ इस एजेंसी के प्रमुख ए.पी. होता ने कहा, ‘यह इलेक्ट्रॉनिक लाभ अंतरण कार्यक्रम न केवल विशिष्ट होगा बल्कि दुनिया में विशालतम कार्यक्रमों में एक होगा।’ सरकार ने सब्सिडी यानी सरकारी सहायता के दुरुपयोग और उसमें गड़बड़ी को रोकने और लागत में बचत के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के इस कार्यक्रम की शुरआत की है। सरकार ने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना और वित्तीय समावेश कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए पिछले साल जनधन योजना की शुरुआत की थी जिसके तहत 26 जनवरी तक 12.5 करोड़ लोगों के बैंक खाते खोले गए।