Advertisement

शेयर बाजार में दूसरे दिन भी हड़कंप, सेंसेक्स ने लगाया 509 अंकों का गोता, जाने क्या है वजहें

वैश्विक बाजार में हड़कंप का असर भारतीय बाजार में भी देखने को मिल रहा है। भारतीय रुपये में लगातार...
शेयर बाजार में दूसरे दिन भी हड़कंप, सेंसेक्स ने लगाया 509 अंकों का गोता, जाने क्या है वजहें

वैश्विक बाजार में हड़कंप का असर भारतीय बाजार में भी देखने को मिल रहा है। भारतीय रुपये में लगातार गिरावट और अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ने की आशंकाओं से शेयर बाजार गिरावट का रुख देखा गया। मंगलवार को सेंसेक्स 509 अंक गिराकर 37,413.13 और निफ्टी 150 अंक फिसलकर 11,287.50 पर बंद हुआ। पिछले दो दिनों में सेंसेक्स लगभग 1000 पॉइंट नीचे आ गया है।

डॉलर के मुकाबले रुपये में भी रिकॉर्ड का असर देखा जा रहा है। यह डॉलर के मुकाबले सबसे निचले स्तर 72.69 पर पहुंच गया है।  भारतीय बाजार से विदेशी पूंजी के लगातार आउटफ्लो के बीच, 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स ने मंगलवार को शुरू में 121 की बढ़ोतरी हासिल की, लेकिन कुछ ही देर बाद लुढ़क गया। सेंसेक्स ने दो अगस्त को 37,165.16 की ऊंचाई को छुआ था, उसके बाद से यह अभी तक की सबसे बड़ी गिरावट है। इससे पहले सोमवार को भी सेंसेक्स 467.65 की गिरावट के साथ बंद हुआ था।

उधर, 50 शेयरों पर आधारित निफ्टी 150.60 अंक नीचे गिरकर 11,287.50 पर बंद हुआ। इसमें लगभग 1.32 फीसदी की गिरावट आई। सोमवार को निफ्टी 151.00 अंकों की गिरावट के साथ 11,438.10 पर बंद हुआ था।

ब्रोकर्स का कहना है कि अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव के मद्देनजर निवेशकों ने सतर्कता भरा रुख अपनाया है। साथ ही, लगातार कमजोर होते रुपये से विनिमय दर में गिरावट से भी बाजार पर असर पड़ा है।

शेयर बाजार में उथल-पुथल का ज्यादा असर टाटा स्टील पर पड़ा। इसके अलावा भारतीय एयरटेल, यस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, अडाणी पोर्ट्स, कोटक बैंक, टीसीएस, वेदांता लिमिटेड, आरआइएल, सन फार्मा, एसबीआई, एलएंडटी, ओएनजीसी, विप्रो, एक्सिस बैंक, इंडसइंड बैंक के शेयर में लगभग तीन फीसदी तक की गिरावट आई।

ये हैं पांच वजहें...

रुपये में गिरावटः रुपया अपने रिकॉर्ड रूप से निचले स्तर पर है। मंगलवार को 15 पैसे की बढ़त के साथ खुलने के बावजूद यह एक डॉलर के मुकाबले 72.74 रुपये स्तर तक जा पहुंचा।

बॉन्ड पर लाभ में वृद्धिः रिजर्व बैंक द्वारा एक बार फिर दरों में वृद्धि के संशय के बीच मंगलवार को 10 साल की बॉन्ड 8.17 फीसदी की बढ़ोतरी पर जा पहुंचा। जब व्यापक आर्थिक संकेतक कमजोर हो जाते हैं, तो बॉन्ड की मांग अधिक बढ़ जाती है, जिससे कीमतों में गिरावट आती है। तब निवेशक जोखिम की भरपाई के लिए बॉन्ड्स पर अधिक रिटर्न्स की उम्मीद करते हैं।

वैश्विक बाजार में कमजोरीः वैश्विक बाजारों में कमजोरी ने घरेली निवेशकों को प्रभावित किया है। चीनी सामानों पर अतिरिक्त टैरिफ पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की टिप्पणी से भी एशियाई बाजारों पर असर दिखा।

वित्तीय घाटाः शुक्रवार को जारी आरबीआई आंकड़ों के मुताबिक भारत का चालू खाता घाटा चौथे तिमाही के उच्च स्तर तक पहुंच गया। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की सीएडी सकल घरेलू उत्पाद का 2.5-2.8 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है, क्योंकि रुपये में गिरावट से तेल की कीमतें बढ़ी हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad