विवादित बयानों से सुर्खियों में रहने वाली अभिनेत्री कंगना रनौत को मिले पदम् सम्मान को वापस लेने की मांग तेज होती जा रही है। अब धार्मिक समुदाय को निशाना बनाने पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) ने रविवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को पत्र लिखकर अभिनेत्री कंगना रनौत को दिए गए पद्म श्री को वापस लेने का आग्रह किया।
हिंदुस्तान के मुताबिक पत्र में कहा गया कि वह "सांप्रदायिक नफरत फैला रही हैं, एक धार्मिक समुदाय को निशाना बना रही हैं और किसानों और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान कर रही हैं"।
सोशल मीडिया पर कथित रूप से देशद्रोही और अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए सिख संगठन ने शनिवार को उसके विरुद्ध पुलिस शिकायत भी दर्ज की। राष्ट्रपति कोविंद को लिखी चिट्ठी में डीएसजीएमसी और शिरोमणि अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि रनौत 1984 के सिख विरोधी दंगों के संदर्भ में "जानबूझकर सिखों को उकसा रही हैं"।
उन्होंने कहा, "वह इस सम्मान के योग्य नहीं हैं। वह भारत की भावना का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं जो सभी के लिए सद्भाव और अच्छाई पर आधारित है। सामाजिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, किसानों, सिखों और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने के लिए पद्मश्री को उनसे फौरन वापस ले लिया जाना चाहिए।"
सिरसा ने यह भी कहा कि डीएसजीएमसी का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल से मिलने और रनौत के विरुद्ध खार पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने के लिए मुंबई जाएगा। उन्होंने कहा कि वह उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए पुलिस डिप्टी कमिश्नर से मुलाकात करेंगे। सिरसा ने आरोप लगाया, "इस बार यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कंगना रनौत को बेल न मिले और वह बार-बार सिखों के विरुद्ध जहर उगलने के आरोप में जेल जाएं। वह सस्ते प्रचार के लिए हिंदुत्व का कार्ड खेल रही हैं।"