ऋतिक रोशन हिन्दी सिनेमा के सफल अभिनेता हैं। उन्होंने साइंस फिक्शन फिल्मों के माध्यम से अपनी अलग पहचान बनाई है। ऋतिक रोशन की फिल्म कृष 3 उनके अभिनय कैरियर की बेहद सफल फिल्म मानी जाती है। ऋतिक रोशन की फिल्म कृष 3 से एक बेहद दिलचस्प प्रसंग जुड़ा हुआ है।
"कहो न प्यार है " की कामयाबी के बाद ऋतिक रोशन ने कई फिल्में की मगर वह फ्लॉप साबित हुईं। इसी बीच राकेश रोशन को एक साइंस फिक्शन फिल्म का विचार आया।वह अपनी पोती के साथ बातचीत कर रहे थे, जब उन्हें मालूम हुआ कि बच्चों की एलियन, स्पेसशिप में दिलचस्पी है। इसी दिलचस्पी को भुनाते हुए राकेश रोशन ने फिल्म "कोई मिल गया" का निर्माण किया। फिल्म कामयाब हुई और इसने फिर से ऋतिक रोशन को दर्शकों के बीच लोकप्रिय बना दिया। फिल्म की सफलता के बाद राकेश रोशन ने "कोई मिल गया" का सीक्वल बनाने का निर्णय लिया। सीक्वल "कृष" का निर्माण हुआ और इसे भी दर्शकों ने खूब पसंद किया।
राकेश रोशन समझ चुके थे कि यदि अच्छी कहानी और तकनीक के साथ साइंस फिक्शन फिल्म बनाई जाए तो दर्शक जरुर पसंद करते हैं। इसी सोच और विचार के साथ राकेश रोशन ने फिल्म "कृष" का सीक्वल बनाना शुरु किया। उन्होंने डेढ़ साल तक एक स्क्रिप्ट पर काम किया मगर उन्हें जब स्क्रिप्ट कमजोर लगी तो उन्होंने दूसरी कहानी पर काम करना शुरू किया। यह कहानी भी प्रभावित करने में असफल रहा। तब राकेश रोशन ने एक तीसरी कहानी पर काम किया, जो आखिरकार उनके मन को संतुष्टि देने में कामयाब रही। इस फिल्म के लिए राकेश रोशन ने देश और विदेश के प्रतिष्ठित और काबिल तकनीशियनों को शामिल किया। फिल्म में ग्राफिक्स और वीएफएक्स का काफी काम था। खैर टीम बनी और ग्राफिक्स से लेकर सेट्स, कॉस्ट्यूम्स, लुक्स आदि पर काम हुआ। अब बारी थी फिल्म की शूटिंग की। फिल्म का नाम तय हुआ "कृष 3"।
राकेश रोशन पहली बार इतने बड़े स्तर पर तकनीकी रूप से मजबूत फिल्म का निर्माण करने जा रहे थे। राकेश रोशन के भीतर यह डर था कि क्या वह इतनी बड़ी फिल्म को तय समयसीमा और बजट में बना पाएंगे। इस डर और शंका के कारण उन्हें घबराहट और बेचैनी हो रही थी। जिस दिन फिल्म की शूटिंग होनी थी, उस रोज राकेश रोशन डर से ग्रसित थे। उनके हाथ पांव ठंडे पड़ गए थे। वह किसी तरह सेट्स पर आए और उन्होंने फिल्म के किरदार विवेक ओबेरॉय और कंगना रनौत का सीन शूट करना शुरू किया। विवेक ओबेरॉय और कंगना रनौत ने अपना सीन इस विश्वास के साथ किया कि राकेश रोशन का आत्मविश्वास लौट आया। उन्हें महसूस हुआ कि फिल्म के कलाकार, पूरी तरह से फिल्म की कहानी में ढल गए हैं। इस बात ने राकेश रोशन को हिम्मत दी और उन्होंने तकरीबन 140 दिनों में तय बजट और समय में फिल्म बनाई। फिल्म "कृष 3" को दर्शकों ने प्यार दिया। कोई मिल गया और कृष की विश्वसनीयता और फैन फॉलोविंग "कृष 3" के काम आई। राकेश रोशन भी डर को पीछे छोड़ते हुए एक बेहतर, परिपक्व निर्देशक बनकर उभरे।