“पंकज त्रिपाठी की अभिनय यात्रा कठिन जरूर रही लेकिन आखिरकार उन्होंने वह मुकाम पा ही लिया जिसके वे हकदार हैं”
भोपाल में रहने वाली, कवयित्री सुषमा शांडिल्य खुद को पंकज त्रिपाठी के बड़े प्रशंसकों में शुमार करती हैं। उन्होंने उनकी लगभग सभी फिल्में और वेब सीरीज देखी हैं। आउटलुक के लिए उन्होंने पंकज त्रिपाठी अभिनीत अपनी कुछ खास पसंदीदा फिल्मों और वेब सीरीज का चयन किया है और उन पर अपने विचार व्यक्त किए हैं।
गैंग्स ऑफ वासेपुर (2012)
लंबे संघर्ष के बाद, में पंकज त्रिपाठी को ‘असली’ ब्रेक मिला, जिसमें उन्होंने पेशे से खूंखार कसाई ‘सुल्तान कुरैशी’ की भूमिका निभाई। उनको इस फिल्म की सफलता को भुनाना नहीं आया पर उनकी सफलता की राह ज़रूर खुल गई। आलोचकों ने उन्हें बहुत सराहा।
न्यूटन (2017)
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मतदान की समस्या पर न्यूटनमें पंकज ने सुरक्षाबल के वर्दीधारी मुखिया आत्मा सिंह की बेहतरीन भूमिका निभाई, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। गंभीर रहकर भी पंकज ने खूब मनोरंजन किया। फिल्म भारत की प्रविष्टि के रूप में ऑस्कर में भी नामित हुई।
गुड़गांव (2017)
इसमें पंकज ने रियल एस्टेट टायकून, केहरी सिंह का दमदार किरदार निभाया है। उन्होंने इस किरदार में अपनी आवाज को खुरदुरा बनाकर अनूठा प्रयोग किया जिसे कम लोगों ने नोटिस किया। गुड़गांव मुख्यतः हरियाणा के महानगरीय जीवन पर आधारित, पिछड़े समाज की वर्जनाओं और कन्या भ्रूण हत्या पर केंद्रित है। गुड़गांव उनकी शानदार प्रतिभा का सशक्त उदाहरण है। इस फिल्म का दुखद पहलू था इसको सीमित रिलीज मिलना।
बरेली की बर्फी (2017)
कृति सेनन के पिता, नरोत्तम मिश्रा की भूमिका निभाई, जिन्हें बेटी से सिगरेट मांगकर पीने में भी ऐतराज नहीं। कृति सेनन के माता-पिता की भूमिका में पंकज त्रिपाठी और सीमा भार्गव ने उत्कृष्ट अभिनय किया है। उनका तौर-तरीका, उनकी मिठाई की दुकान के लिए सही विज्ञापन है। पान की पीक टपकने से रोकने की कोशिश में फूला मुंह निर्मल हास्य का सृजन करने वाले बिट्टी के पिता के रूप में कोमल बेतुकापन उनकी सच्ची समझ का पर्याय है।
स्त्री (2018)
पंकज बड़ी हिट स्त्री से मजबूती से मुख्यधारा में आ गए। जादू टोना विशेषज्ञ रुद्र भैया की भूमिका में इस हॉरर-कॉमेडी में बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग का प्रदर्शन किया। “पन्नापलटो” कहने वाले दृश्य में उन्होंने खूब हास्य पैदा किया। उनके लोकप्रिय डायलॉग वो स्त्री है, कुछ भी कर सकती है” पर खूब मीम बने। पंकज ने एक संवाद “स्त्री आप को ज़बरदस्ती नहीं ले जाएगी, वो स्त्री है, पुरुष नहीं, जबरदस्ती नहीं करती” खूब पसंद किया गया।
सेक्रेड गेम्स (2018/2019)
क्राइम-ड्रामा सेक्रेड गेम्स के दोनों भागों में पंकज ने ‘खन्ना गुरुजी’ के किरदार में सधा हुआ अभिनय किया। खन्ना गुरुजी, सतयुग में वापसी का दावा करते हैं, जो परमाणु युद्ध शुरू करके अधिकांश आबादी का सफाया कर देगा। पंकज ने ‘ब्रह्मांडीय एकता’ प्राप्त करने के लिए सेक्स और ड्रग्स में लिप्त मास्टर माइंड तपस्वी के रूप में प्रभावित किया।
मिर्जापुर (2018/2020)
यह पंकज त्रिपाठी की सर्वाधिक सफल वेब सीरीज है। इसके दोनों भागों में पंकज के दबंगई भरे किरदार, अखंडानंद त्रिपाठी उर्फ कालीन भैया से भौकाल मचा दिया। ठहराव के साथ बोले डायलॉग, खामोशी से गर्दन हिलाकर भाव प्रकट करने के निराले अंदाज से उनकी लोकप्रियता चरम पर पहुंच गई। मिर्ज़ापुर के बाद उनकी अभिनय शैली के दीवानों की संख्यामें जबरदस्त इजाफा हुआ।
क्रिमिनल जस्टिस (2019/2020)
इसमें उन्होंने माधव मिश्रा नामक मजाकिया स्ट्रीट स्मार्ट वकील की भूमिका निभाई है, जो अदालत आने वाले हर व्यक्ति से पूछता है कि उन्हें वकील की जरूरत है क्या। माधव की लगातार कटाक्ष और घबराहट के बीच शानदार जुगलबंदी को आलोचकों से प्रशंसा मिली। मानवीयता से ओतप्रोत अच्छे वकील की ऐसी एक्टिंग केवल पंकज कर सकते हैं।
गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल (2020)
गुंजन सक्सेना पहली महिला वायुसेना पायलट हैं, जिन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान घायल जवानों की सेवा करते हुए पुरुष प्रधान क्षेत्र में अपना स्थान निर्धारित किया। पंकज त्रिपाठी जान्हवी कपूर के पिता अनूप सक्सेना के रोल में कहानी का अभिन्न हिस्सा हैं। पितृसत्तात्मक विचारधारा और वर्चस्ववाद से परे, होनहार एथलीट के कोच के रूप में हर कदम पर सहयोग करने वाले प्रगतिशील पिता के रूप में वे बेटी के हर फैसले का समर्थन करते हैं।
मिमी (2021)
फिल्म में सरोगेसी की गंभीर कहानी है, जो गुदगुदाने वाले अंदाज़ में कही गई है। फिल्म में पंकज ने अद्भुत हास्यबोध से भरपूर, हंसमुख, मिलनसार ड्राइवर भानुप्रताप पांडे का किरदार निभाया। सहज अंदाज से समझाते हुए उन्होंने जिस तरह भानुप्रताप के चरित्र को जिया, शायद ही कोई अन्य जी पाता।
लूडो (2020)
अनुराग बासु द्वारा लिखित-निर्देशित इस डार्क कॉमेडी-ड्रामा में सत्तू त्रिपाठी नामक गैंगस्टर का रोल निभाया। गुस्से और निराशा के पुटके साथ वह अपने संवादों को शांत, व्यंग्यात्मक तरीके से पेश करते हैं। गुंडे के इस किरदार को मौलिक शैली में कॉमेडी का पुट देकर पंकज ने बखूबी निभाया। ‘लूडो’ में पंकज डर-दहशत पैदा करते हुए लोगों को रोलर-कोस्टर राइड पर ले जाते हैं और सबको हंसाकर जीवन-यात्रा का आनंद दिलाते हैं।