इस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म जब रिलीज हुई थी तब खूब विवाद हुआ था। लेकिन अब रिलीज के लगभग आठ महीने बाद एक बार फिर यह फिल्म सुर्खियों में है। दरअसल, इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया के जूरी हेड और इजराइली फिल्म मेकर नदाव लैपिड ने इसे वल्गर और प्रोपेगेंडा बेस्ड फिल्म बताया है। अपने इस बयान के बाद वह अब पूरी तरह से विवादों में घिर गए हैं और हर तरफ उनको जमकर क्रिटिसाइज किया जा रहा है। लेकिन यहां हम इस विवाद के बारे में नहीं बल्कि 'द कश्मीर फाइल्स' की आलोचना करने वाले नादव लैपिड के बारे में बात करने वाले हैं।
तो आइए जानते हैं इनके बारे में-
दरअसल, गोवा में आयोजित हुए 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (आईएफएफआई) में 22 नवंबर को 'द कश्मीर फाइल्स' की स्क्रीनिंग हुई थी और फिल्म मेकर नादव लैपिड इस फिल्म फेस्टिवल में जूरी के हेड हैं। इस फेस्टिवल में उन्होंने अपनी स्पीच के दौरान फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को वल्गर और प्रोपेगेंडा बेस्ड फिल्म बताया, जिस पर अब जमकर बवाल मचा हुआ है।
दरअसल, नादव लैपिड एक इजरायली स्क्रीन राइटर और फिल्म डायरेक्टर हैं। इजरायल के तेल अवीव के रहने वाले नादव ने वहीं की तेल अवीव यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की है। इतना ही नहीं वे इजराइल की सेना का हिस्सा भी रह चुके हैं। उन्होंने यरुशलम में सैम स्पीगल फिल्म एंड टेलीविजन स्कूल से डिग्री हालिस की।
बता दें कि उनकी पहली फीचर 2011 में ‘पुलिसमैन’ रिलीज हुई थी। इस फिल्म को लोकार्नो में विशेष ज्यूरी अवॉर्ड मिला था। वहीं उनकी फिल्म ‘द किंडरगार्टन टीचर’ ने 2014 में कान्स फिल्म फेस्टिवल में मेन डे ला क्रिटिक अवॉर्ड जीता था। 2005 में उनकी एक शॉर्ट फिल्म ‘क्विश’ की पैनोरमा में स्क्रीनिंग हो चुकी है।
नादव लैपिड ने अपने अब तक के करियर में ज्यादातर डॉक्यूमेंट्री और शॉर्ट फिल्में ही बनाई। उनकी शॉर्ट फिल्में है ‘फुटस्टेप इन यरूशलेम’, ‘लामा’, ‘क्विश’, ‘हा-चवेरा शैल एमिल’, ‘पुलिसमैन’। वहीं, उनकी डॉक्यूमेंट्री के टाइटल हैं ‘लव लेटर्स टू सिनेमा’ और ‘द किंडरगार्टन टीचर’।
बता दें कि इसी साल मार्च में रिलीज हुई फिल्म द कश्मीर फाइल्स इस साल सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में शामिल हैं। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर करीब 340 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया था। इस फिल्म अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, दर्शन कुमार लीड रोल में थे।