मराठी सिनेमा भी अब बालिग हो चला है। इस पर उमर का असर जल्द ही दिखने वाला है। हालांकि लेखक-निर्देशक दिवाकर घोड़के इस ‘ए’ सर्टिफिकेट से खुश नहीं हैं, फिर भी वह कह रहे हैं, ‘कुछ सीन हटाने के बाद सर्टिफिकेट मिलना ही बड़ी बात है। अब मुझे लगता है कि फिल्म देखने के बाद किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।’
‘चित्रफित 3.0 मेगापिक्सल’ नाम से बन रही यह फिल्म एक बेवफा प्रेमी की कहानी है जिसमें लड़का अपनी ही प्रेमिका का अश्लील वीडियो क्लिप बना कर उसे इंटरनेट पर डाल देता है। दिवाकर कहते हैं, ‘मैं चाहता हूं हर लड़की इस फिल्म को देखे। चाहे वह कहीं की भी हो, किसी भी परिवेश की हो। लड़कियों को यह जानना जरूरी है कि शातिर लड़के क्या-क्या कर सकते हैं।’ इसमें कुछ सीन हैं जिन पर पहले सेंसर बोर्ड को आपत्ति थी। हालांकि दिवाकर उन्हें बोल्ड मानने को तैयार नहीं थे। फिल्म की पृष्ठभूमि भले ही ग्रामीण हो लेकिन इसमें मसाले का भरपूर प्रयोग किया गया है।
चित्रफित 3.0 मेगापिक्सल के निर्माता राहुल बोरसे और अब्दुल आरसी हैं। एसटीवी और पिकल एंटरटेनमेंट के संयुक्त प्रयास से बन रही इस फिल्म में सीमा आजमी और आशीष पथोड़े मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। यह फिल्म मराठी सिने जगत में भी मील का पत्थर साबित होगी।