बिहार सरकार के 2021-22 के बजट पर विमर्श में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। इतना ही नहीं उन्होंने वर्तमान सरकार से कई सवाल भी पूछे। इस दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि निश्चय-1 पूरा ही नहीं हुआ और निश्चय-2 की घोषणा कर दी। हमारे रहते निश्चय एक आरंभ हुआ और हमलोगों के हटते ही इसमें भ्रष्टाचार शुरू हो गया। तेजस्वी ने दावा किया कि ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल एजेंसी के सर्वे के मुताबिक बिहार दूसरा सबसे बड़ा भष्ट्र राज्य है। जहां 75 फीसदी काम बिना घूस लिए नहीं होते हैं।
उन्होंने कहा 'नीतीश सरकार के पास युवाओं को 20 लाख रोजगार देने का ना कोई रोडमैप है, ना ही विज़न। बजट में IT, फूड प्रोसेसिंग का उल्लेख तक नहीं! हवा हवाई पेपरबाजी और जुमलेबाजी पर चल रही बिहार सरकार बस सब्जबाग दिखाना जानती है पर उसे अमलीजामा पहनाने की ना उनके पास योग्यता है और ना ही इच्छाशक्ति।'
तेजस्वी ने कहा कि दलित, अतिपिछड़े व अल्पसंख्यक वर्गों के उत्थान के लिए बिहार के कुल बजट का 2% भी आवंटित नहीं किया गया है। इतनी बड़ी आबादी को ऊँट के मुँह में जीरा समान खानापूर्ति कर, इन वर्गों के कल्याण के नाम पर राजनीति करने वाली JDU/BJP सरकार अपना झूठा महिमामंडन करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ती।
काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती
तेजस्वी ने कहा कि नौकरी के नाम पर एक काठ की हांडी केंद्र सरकार ने चढ़ाई थी, 2 करोड़ नौकरी प्रति वर्ष वाली, तब से नौकरी के नाम पर वे पकौड़ा तलना ही सुझा पाए। अब दूसरी 20 लाख नौकरी वाली हांडी बिहार सरकार ने चढ़ाई है जिसके बाद से नौकरी शब्द इनके शब्दकोश से गायब है।