मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारत-नेपाल सीमा पर नेपाल द्वारा बिहार में नदी तटबंधों पर सभी मरम्मत कार्य को रोके जाने के बाद जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ मंगलवार को उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई है। राज्य सरकार ने आरोप लगाया है कि नेपाल ने बाढ़ को रोकने के लिए किए जा रहे मरम्मत कार्य को रोक दिया है। जिसके बाद उत्तर बिहार में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। अभी मॉनसून की शुरूआत हो चुकी है। फिलहाल जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ सीएम नीतीश कुमार की बैठक चल रही है। जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा है कि बैठक के बाद स्थिति साफ हो जाएगी। उन्होंने कहा कि नेपाल को लेकर कुछ सकारात्मक संकेत मिले हैं।
पत्र लिखने के फैसले पर तेजस्वी यादव ने उठाए थे सवाल
सोमवार को राज्य के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा था कि राज्य सरकार ने विदेश मंत्रालय को इस बाबत पत्र लिखने का फैसला किया है। जिस पर जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने सवाल उठाए थे। तेजस्वी ने कहा था कि सरकार अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए केंद्र सरकार पर दायित्व थोपने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा था कि अब मॉनसून आ चुका है। पूरा उत्तर बिहार बाढ़ के खतरे में है और राज्य सरकार विदेश मंत्रालय को पत्र लिख रही है।
नेपाल ने पूर्वी चंपारण में भी मरम्मत कार्य पर लगाई है रोक
इससे पहले बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा था कि बैराज में कुल 36 गेट हैं। जिनमें से 18 नेपाल में आता हैं। भारत के हिस्से आने वाले सभी गेट का मरम्मत कार्य हो चुका है। जिस इलाके में बाढ़ से निपटने के लिए मरम्मत का सामान रखा है, नेपाल ने वहां बैरियर लगा दिया हैं। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था। साथ ही नेपाल ने पूर्वी चंपारण जिले में लालबकेया नदी पर तटबंध की मरम्मत कार्य को रोक दिया है। यहां पर नदी के ऊपर तटबंध का निर्माण किया था लेकिन लॉकडाउन की वजह से कार्य को पूरा नहीं किया गया था। अब राज्य में मॉनसून ने दस्तक दे दी है।
नेपाल के साथ नए नक्शे को लेकर तनाव जारी
भारत और नेपाल के बीच पिछले कई दिनों से तनाव जारी है। नेपाल ने नए नक्शे में कालापानी और लिपुलेख को शामिल कर लिया है। इस नक्शे में नेपाल ने कुल 395 वर्ग किलोमीटर के इलाके को अपने हिस्से में दिखाया है। इसमें उत्तराखंड का लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी के अलावा गुंजी, नाभी और काटी गांव भी शामिल हैं।