लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बिहार सरकार ने सोमवार को जाति सर्वेक्षण डेटा जारी कर दिया, जिसके मुताबिक अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) कुल मिलाकर राज्य की आबादी का 63 प्रतिशत हैं।
बिहार की राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान राज्य में आयोजित जाति आधारित सर्वेक्षण की रिपोर्ट जारी की गई।
इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने कहा, "अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01 प्रतिशत है, सामान्य वर्ग 15.52 प्रतिशत है और अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) 27 प्रतिशत है।"
आंकड़ों के मुताबिक, राज्य की आबादी में अनुसूचित जाति 19.65 फीसदी और अनुसूचित जनजाति 1.68 फीसदी है। आंकड़ों में यह भी कहा गया है कि आबादी में हिंदू 81.99 प्रतिशत, मुस्लिम 17.7 प्रतिशत, ईसाई 0.05 प्रतिशत, सिख 0.01 प्रतिशत, बौद्ध 0.08 प्रतिशत और अन्य धर्मों के 0.12 प्रतिशत शामिल हैं।
आंकड़ों में कहा गया है कि यादव, ओबीसी समूह जिससे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव आते हैं, सबसे बड़ा है और राज्य की आबादी का 14.27 प्रतिशत है। जाति सर्वेक्षण में कहा गया है कि कुशवाह और कुर्मी समुदाय आबादी का 4.27 प्रतिशत और 2.87 प्रतिशत हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य के कुर्मी समुदाय से हैं। गौरतलब है कि बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से ज्यादा है।