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बिहार: तेजस्वी का दबाव आया काम, नीतीश सरकार ने लिया एक्शन

बिहार में कोरोना जांच गड़बड़ी के मामले को लेकर विपक्ष नीतीश सरकार पर हमलावर है। नतीजतन मुख्यमंत्री...
बिहार: तेजस्वी का दबाव आया काम, नीतीश सरकार ने लिया एक्शन

बिहार में कोरोना जांच गड़बड़ी के मामले को लेकर विपक्ष नीतीश सरकार पर हमलावर है। नतीजतन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा है कि ऐसे मामलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस बीच जमुई में कोरोना की फर्जी जांच के मामले में वहां के सिविल सर्जन और चार स्वास्थ्य कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। बता दें कि पिछले दिनों आरजेडी नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने इस मामले को लेकर नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा था।

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कोरोना की फर्जी जांच का मामला सामने आने के बाद इसे गंभीरता से लिया है। उनके निर्देश पर जमुई के सिविल सर्जन डॉ विजयेंद्र सत्यार्थी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सुधांशु नारायण लाल, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ विमल कुमार चौधरी, बरहट के प्रभारी डॉ एन के मंडल और सिकंदरा के प्रभारी डॉ साजिद हुसैन को निलंबित किया गया है ।

इस बीच जमुई के जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में सिविल सर्जन और चार स्वास्थ्य पदाधिकारियों को निलंबित किया गया है, जबकि चार संविदा पर तैनात पदाधिकारियों को बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग को कोरोना की फर्जी जांच की खबरों को गंभीरता से देखने का निर्देश देते हुए कहा था कि ऐसे मामले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

कुमार ने दो दिवसीय दिल्ली दौरे से लौटने के बाद यहां हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कोरोना जांच के मामले में एक जिले से ऐसा मामला सामने आया है कि जांच हुई नहीं और यह लिख दिया गया है कि जांच हो गई। ऐसे मामले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस बारे में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत से आज ही पूरी जानकारी ली है। उन्होंने बताया है कि 22 जिलों से इस बारे में रिपोर्ट ली गई है। एक जिले में गड़बड़ी मिली है और वहां कार्रवाई भी की गई है।

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