अयोध्या के राम जन्म-भूमि मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास (85) की ‘ब्रेन स्ट्रोक’ (मस्तिष्काघात) के कारण तबीयत बिगड़ गई और उन्हें लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
विध्वंस के बाद भी दास मुख्य पुजारी बने रहे और जब रामलला की मूर्ति एक टैंट में स्थापित की गई, तब वह पूजा-अर्चना भी करते थे।
दास, निर्वाणी अखाड़े से ताल्लुक रखते हैं। और अयोध्या तथा राम मंदिर के घटनाक्रमों के संबंध में जानकारी के लिए मीडियाकर्मी ज्यादातर उनसे ही संपर्क करते हैं।
बाबरी विध्वंस ने बड़े पैमाने पर राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया था। राम मंदिर आंदोलन को लेकर मीडिया के सभी सवालों का दास हमेशा धैर्यपूर्वक जवाब देते थे।
विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘वह एक सम्मानित शख्सियत हैं और उन लोगों में से हैं जो अयोध्या आंदोलन के इतिहास को गहराई से जानते हैं। हम उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।’’