कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण में आंकड़ों के जरिये गुमराह करने का प्रयास किया गया और इसमें महंगाई एवं बेरोजगारी जैसी महत्वपूर्ण मुद्दों का कोई उल्लेख नहीं था। पार्टी नेता गौरव गोगोई ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति को संसद पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा किए जा रहे हमले को लेकर चिंता व्यक्त करनी चाहिए थी।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अभिभाषण में इसका विवरण होना चाहिए था कि इस नए सदन में लोकतंत्र को कैसे रौंदा जा रहा है। पिछले ही सत्र में 146 सांसदों को हक की आवाज उठाने के लिए निलंबित कर दिया गया। इसी सदन से एक महिला सांसद के मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़कर उन्हें बाहर निकाल दिया गया, लेकिन जिस भाजपा सांसद की अनुशंसा पर पास लेकर कुछ लोगों ने सदन में कूदकर हंगामा किया, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं गई।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सरकार दोहरे मापदंड अपना रही है। लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गोगोई ने कहा कि आज सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थिति की सच्चाई अभिभाषण में नहीं दिखी। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि गरीब और अमीर के बीच खाई बढ़ रही है, महंगाई बढ़ती जा रही है और बेरोजगारी चरम पर है। उन्होंने कहा, ‘‘आंकड़ों के जरिये देश के आर्थिक संकट को छिपाया नहीं जा सकता।’’
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य शक्ति सिंह गोहिल ने कहा, ‘‘आज संसद के दोनों सदनों को राष्ट्रपति जी ने संबोधित किया। देश की जनता को इस भाषण से बहुत उम्मीदें थी, क्योंकि ये भाषण सरकार के 10 साल के कार्यकाल में आखिरी भाषण था। हमें लग रहा था कि मोदी सरकार ने जो गारंटियां दी हैं, यहां उनकी सफलता और विफलता की जानकारी दी जाएगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, क्योंकि मोदी सरकार की सारी गारंटियां फेल हो चुकी हैं।’’