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पूर्व रॉ प्रमुख ने फारूक अब्दुल्ला को लेकर उठे विवादों पर दी सफाई, अनुच्छेद 370 पर समर्थन के दावों को बताया 'बकवास'

पूर्व रॉ प्रमुख अमरजीत सिंह दुलत ने अपनी नई किताब 'द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई' को लेकर जारी विवादों के...
पूर्व रॉ प्रमुख ने फारूक अब्दुल्ला को लेकर उठे विवादों पर दी सफाई, अनुच्छेद 370 पर समर्थन के दावों को बताया 'बकवास'

पूर्व रॉ प्रमुख अमरजीत सिंह दुलत ने अपनी नई किताब 'द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई' को लेकर जारी विवादों के बीच सफाई दी है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कभी भी अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन नहीं किया। दुलत ने इन दावों को "बकवास" और "मीडिया स्टंट" करार देते हुए खारिज कर दिया है।

एक अनुभवी आईपीएस अधिकारी रहे दुलत ने एक साक्षात्कार में कहा कि उनकी पुस्तक का उद्देश्य अनुच्छेद 370 पर चर्चा करना नहीं है। बल्कि यह एक महान व्यक्ति फारूक अब्दुल्ला की सराहना करने के इरादे से लिखी गई है। उन्होंने कहा कि यह किताब उनकी और अब्दुल्ला की दोस्ती को प्रभावित नहीं करेगी। उन्होंने कहा, “दोस्ती सिर्फ इसलिए खत्म नहीं होती क्योंकि किसी ने कुछ तुच्छ कहा।” 

उन्होंने बताया कि पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में अब्दुल्ला के शामिल होने की उम्मीद है और कहा कि उन्होंने 10-15 दिन पहले खुद उनसे बात की थी। जिसमें अब्दुल्ला ने शामिल होने का आश्वासन दिया था।

दुलत ने यह भी याद किया कि जब केंद्र सरकार द्वारा 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाने पर फारूक अब्दुल्ला बहुत आहत हुए थे। उन्होंने कहा, “यह सर्वविदित है कि फारूक साहब ने कई बार कहा है कि वह दिल्ली के साथ खड़े रहे हैं और हमेशा खड़े रहेंगे। लेकिन यह दिल्ली है जो उन्हें समझ नहीं पाई।” 

उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि अनुच्छेद 370 हटने से कुछ दिन पहले फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और उनके एक सांसद ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी। लेकिन इसके बावजूद उन्हें नजरबंद कर दिया गया। दुलत ने अब्दुल्ला के हवाले से कहा, “अगर सरकार ऐसा करना चाहती थी। तो उन्हें हमें विश्वास में लेना चाहिए था।”

 दुलत ने जोर देकर कहा कि उन्होंने अपनी किताब में कहीं भी यह नहीं लिखा कि फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन किया। उन्होंने यह दावा भी खारिज किया कि वह किताब की बिक्री बढ़ाने के लिए विवाद खड़ा कर रहे हैं। उन्होंने तंज कसा, “अगर कोई कह रहा है कि मैंने अपनी किताब बेचने के लिए एक सस्ता स्टंट खींचा है, तो यह ठीक है। मुझे कोई आपत्ति नहीं है।” 

फारूक अब्दुल्ला की तारीफ करते हुए दुलत ने कहा कि कश्मीर में उनके जैसा कोई राष्ट्रवादी नेता नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस की भारी बहुमत की सरकार कश्मीर के लिए सबसे सकारात्मक विकल्प है। और यह वही परिवार है जो राज्य को आगे ले जा सकता है।

उन्होंने अन्य राजनीतिक दलों की भूमिका को नकारते हुए कहा, “केवल नेशनल कॉन्फ्रेंस ही कश्मीर को आगे ले जा सकती है। यह वह परिवार है जो इसे आगे बढ़ाएगा। अन्य पार्टियों को भी इसमें भूमिका निभानी होगी।”   

अमरजीत सिंह दुलत अपनी किताबों की वजह से चर्चाओं में रहते है। वह “द स्पाई क्रॉनिकल” और “कश्मीर द वाजपेयी डेज़” जैसी चर्चित किताबों के लेखक है।  

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