आईएनएक्स मीडिया मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक 25 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। इससे पहले यह रोक 28 सितम्बर तक के लिए बढ़ाई थी।
असल में आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है। इस मामले में पी चिदंबरम के बेटे कार्ति पर आरोप है कि उन्होंने आईएनएक्स मीडिया के लिए गलत तरीके से फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी ली। इसके बाद आईएनएक्स को 305 करोड़ का फंड मिला। इसके बदले में कार्ति को 10 लाख डॉलर की रिश्वत मिली। इसके बाद आईएनएक्स मीडिया और कार्ति से जुड़ी कंपनियों के बीच डील के तहत 3.5 करोड़ का लेनदेन हुआ।
रूतबे के इस्तेमाल का है आरोप
कार्ति पर यह भी आरोप है कि उन्होंने इंद्राणी की कंपनी के खिलाफ टैक्स का एक मामला खत्म कराने के लिए अपने पिता के रुतबे का इस्तेमाल किया। सीबीआई ने पिछले साल 15 मई को प्राथमिकी दर्ज की थी। आरोप है कि पी चिदम्बरम ने 18 मई 2007 की एफआईपीबी की एक मीटिंग में आईएनएक्स मीडिया में 4.62 करोड़ रुपये के फॉरेन इन्वेस्टमेंट को मंजूरी दी थी।