राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने टेरर फंडिंग को लेकर कई संगठनों और लोगों पर शिकंजा कसा है लेकिन अब एक मामले को लेकर खुद उसके तीन अफसर जांच के घेरे में आ गए हैं। इसमें एसपी स्तर तक के अधिकारी शामिल हैं। इन तीन अफसरों पर आतंकियों को पैसे देने के मामले में नाम नहीं घसीटने के लिए दिल्ली के एक व्यापारी को 2 करोड़ रुपये के लिए ब्लैकमेल करने का आरोप है। यह टेरर फंडिंग मामला मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद से जुड़ा हुआ है। जानकारी के अनुसार एसपी समेत एनआईए के दो जूनियर अधिकारियों ने कारोबारी के खिलाफ सर्च वॉरंट लेकर छापे मारे थे। ये जांच हाफिज सईद द्वारा चलाई जाने वाली फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन से संबंधित थे।
निष्पक्ष जांच के लिए तीनों अफसरों का ट्रांसफर
आतंकवाद निरोधक एजेंसी के प्रवक्ता ने इस मामले को लेकर मंगलवार को बताया कि जब तक मामले की पूरी तरह से जांच नहीं हो जाती, तब तक इन तीनों अफसरों को एजेंसी से ट्रांसफर कर दिया गया है। इन अधिकारियों के खिलाफ एनआईए को कदाचार की शिकायत मिली है। आरोपों की जांच एक उप महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी द्वारा की जा रही है। तीनों अफसरों को एजेंसी से इसलिए ट्रांसफर किया गया है ताकि मामले की निष्पक्षता से जांच हो सके।
‘भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति’
प्रवक्ता ने कहा, 'हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति बनाए रखने के लिए अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू की है। भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।'
‘एक महीने पहले मिली थी शिकायत’
एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि जांच एजेंसी को एसपी और दो जूनियर अधिकारियों के बारे में इसे लेकर एक महीने पहले शिकायत मिली थी। ये अधिकारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद द्वारा संचालित फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) की टेरर फंडिंग मामले की जांच कर रहे थे।
‘समझौता एक्सप्रेस विस्फोट के मुख्य जांच अधिकारी’
इस दौरान उन्होंने बताया कि मामले में जिस एसपी पर आरोप लगा है वो 2007 समझौता एक्सप्रेस विस्फोट के मुख्य जांच अधिकारी रह चुके हैं। इसके अलावा अन्य दो अफसर खुफिया और संचालन विंग से हैं।
‘नाम उजागर करने पर रोक’
प्रवक्ता ने बताया इन्होंने उत्तरी दिल्ली के एक व्यापारी के खिलाफ छानबीन की थी। अधिकारियों और व्यापारी के अभी नाम उजागर करने पर रोक है। एनआईए ने पिछले साल एफआईएफ के उप प्रमुख शाहिद महमूद और अन्य के खिलाफ धार्मिक कार्य की आड़ में दिल्ली और हरियाणा में स्लीपर सेल और लॉजिस्टिक्स बेस बनाने के लिए 2012 के आसपास साजिश रचने का मामला दर्ज किया था।
दो आरोपपत्र दायर
एजेंसी ने मामला दर्ज करने के बाद दिल्ली के दो निवासी मोहम्मद सलमान और मोहम्मद सलीम और राजस्थान के नागौर के निवासी मोहम्मद हुसैन मोलानी को गिरफ्तार किया था। इसके बाद जुलाई में एजेंसी ने संयुक्त अरब अमीरात से गुजरात के वलसाड के व्यापारी मोहम्मद आरिफ गुलामबाशिर धरमपुरिया को निर्वासित किया था। एनआईए इस मामले में हाफिज सईद सहित आरोपियों के खिलाफ दो आरोपपत्र दायर किए हैं।