जोमैटो ने खाना डिलीवर करने की जिम्मेदारी एक गैर-हिंदू लड़के को दी तो ग्राहक अमित शुक्ल ने आपत्ति जताई और ऑर्डर कैंसल कर दिया। बाद में उसने जोमैटो ऐप अनइंस्टॉल करने कर दी और पूरे वाकये की जानकारी ट्विटर पर दी। इस पर पहले तो जमैटो ने लिखा कि खाने का धर्म नहीं होता, भोजन अपने आप में एक धर्म है। बाद में इस ऑनलाइन फूड डिलिवरी ऐप के मालिक दीपिंदर गोयल ने कहा कि अगर ऐसे ग्राहक हमें छोड़कर जाते हैं तो जाएं।
क्या लिखा ग्राहक ने
दरअसल, पं अमित शुक्ल नाम के शख्स ने 30 जुलाई को एक ट्वीट किया। उसने लिखा, 'अभी-अभी जोमैटो पर एक ऑर्डर कैंसल कर दिया क्योंकि वे एक गैर-हिंदू राइडर को खाना पहुंचाने मेरे पास भेज रहे थे। उन्होंने कहा कि वे राइडर चेंज नहीं कर सकते और ऑर्डर कैंसल करने पर रिफंड भी नहीं करेंगे। मैंने कहा कि आप मुझे डिलिवरी लेने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। मैं रिफंड नहीं चाहता हूं, बस कैंसल कर दीजिए।'
Just cancelled an order on @ZomatoIN they allocated a non hindu rider for my food they said they can't change rider and can't refund on cancellation I said you can't force me to take a delivery I don't want don't refund just cancel
— पं अमित शुक्ल (@NaMo_SARKAAR) 30 July 2019
भोजन का कोई धर्म नहीं होता: जोमैटो
इस पर पहले जोमैटो ने ट्वीट किया, 'भोजन का कोई धर्म नहीं होता है। यह खुद में एक धर्म है।' बाद में जोमैटो के संस्थापक दीपिंदर गोयल ने लिखा, 'हमें आइडिया ऑफ इंडिया और हमारे सम्मानित ग्राहकों एवं पार्टनरों की विविधता पर गर्व है। हमें हमारे मूल्यों के रास्ते में आड़े आने वाला बिजनस खोने पर कोई दुख नहीं है।'