कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के चलते सीएम योगी आदित्यनाथ सोमवार को नोएडा पहुंचे और अफसरों के साथ बैठक की। संतोषजनक जबाव नहीं मिलने पर सीएम ने नाराजगी जताई और डीएम को जमकर फटकार लगाई जिस पर डीएम बीएन सिंह ने पत्र लिखकर तीन महीने की छुट्टी मांग ली जिसे अनुशासनहीनता मानते हुए तत्काल प्रभाव से उनका तबादला कर दिया गया है और उन्हें राजस्व विभाग से अटैच कर दिया गया है। उनके खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं।
यूपी के मुख्य सचिव आर के तिवारी के मुताबिक, कोविड-19 की समीक्षा में पाया गया कि डीएम के स्तर पर समन्वय और पॉजिटिव पाए गए लोगों को क्वारंटाइन करने में भी कमी पाई गई, जिसके कारण पॉजिटिव मामले बढ़े हैं। जिस पर डीएम बृजेश नारायण सिंह का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया गया है।
मांगी थी छुट्टी
मुख्य सचिव ने कहा कि उनके खिलाफ विभागीय जांच आलोक टंडन द्वारा की जाएगी। उनकी जगह डीएम के पद पर सुहास एल वाई की तैनाती की गई है। उन्होंने कहा कि डीएम बीएन सिंह ने तीन महीने की छुट्टी के लिए एक आवेदन लिखा था जिसमें उन्होंने लिखा था कि मैं नोएडा में काम नहीं करना चाहता। इसे उन्होंने मीडिया में लीक कर दिया, जो अनुशासनहीनता है। बता दें कि देश में कोरानावायरस का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। यूपी में अब तक 88 मामले सामने आ चुके हैं जिसमें सबसे ज्यादा 38 मामले नोएडा के हैं।
दिल्ली में भी नपे अफसर
इससे पहले केंद्र ने कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए किए गए बंद के दौरान कर्तव्य के निर्वहन में ‘‘गंभीर चूक’’ के कारण दिल्ली सरकार के दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया और दो अन्य को कारण बताओ नोटिस जारी किए। दिल्ली सरकार के जिन दो अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है, वे अतिरिक्त मुख्य सचिव (परिवहन) रेणु शर्मा और प्रधान सचिव (वित्त) राजीव वर्मा हैं। जिन दो अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, वे अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सत्य गोपाल और एसडीएम सीलमपुर अजय अरोड़ा हैं। वहीं, सोमवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल ने लॉकडाउन के उल्लंघन पर डीएम और डीसीपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।