दक्षिण कश्मीर में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम को बादल फटने से आई आकस्मिक बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है जबकि 65 लोग घायल हो गए हैं। वहीं कईयों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है।
हादसे की वजह से अमरनाथ यात्रा निलंबित कर दी गई है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक यात्रा को बहाल करने का निर्णय बचाव अभियान पूरा हो जाने के बाद ही लिया जाएगा। यात्रा फिलहाल दोनों रास्तों बालटाल और पहलगाम से बंद है। बीते तीन जून को ही अमरनाथ यात्रा शुरू हुई थी।
भारतीय सेना और आईटीबीपी के जवान, राहत और बचाव अभियान में जुटे हैं। पुलिस और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कर्मी भी बचाव अभियान में लगे हैं। अमरनाथ गुफा के पास और पंचतरणी में दो से तीन हजार लोगों के फंसे होने की सूचना है।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा के लिए हेल्पलाइन जारी की। उपराज्यपाल प्रशासन और श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने चार टेलीफोन नंबर जारी किए हैं जिस पर संपर्क कर लोग जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। श्राइन बोर्ड ने ट्वीट किया, “अमरनाथ यात्रा के लिए हेल्पलाइन नंबर: एनडीआरएफ: 011-23438252, 011-23438253, कश्मीर डिविजनल हेल्पलाइन: 0194-2496240, श्राइन बोर्ड हेल्पलाइन: 0194-2313149"
अमरनाथ की पवित्र गुफा से सोनमर्ग के बालटाल आधार शिविर पहुंचे एक तीर्थयात्री ने बताया, ''वहां भगदड़ जैसी स्थिति हो गई लेकिन सेना ने बहुत सहयोग किया. कई पंडाल पानी के कारण बह गए।''
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अधिकारियों ने कहा कि घायलों की सहायता के लिए सोनमार्ग एवं अन्य स्थानों पर अस्थायी अस्पताल बनाये गये हैं। उनके अनुसार दक्षिण कश्मीर के अंनतनाग, श्रीनगर और दिल्ली में हेल्पलाइन स्थापित की गई हैं ताकि प्रभावित परिवारों की मदद की जा सके, साथ ही संभागीय आयुक्त (कश्मीर) के प्रभार में एक समेकित कमान केंद्र स्थापित किया गया है। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने बचाव अभियान के लिए उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर लगाये हैं।
स्वास्थ्य सेवा निदेशालय, कश्मीर ने कर्मचारियों के सभी अवकाश (नियमित/संविदात्मक) रद्द कर दिए हैं और उन्हें तुरंत ड्यूटी पर रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है। सभी अधिकारियों को अपने मोबाइल स्विच ऑन रखने के निर्देश दिए गए हैं।