राफेल सौदे में अनिल अंबानी समूह को हजारों करोड़ का फायदा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी लगातार हमलावर हैं। पहले एक पत्र लिखकर अनिल अंबानी ने इसका जवाब दिया था। उन्होंने राहुल गांधी को एक और पत्र लिखकर कहा है कि उनके प्रति दुर्भावना रखने वाले कुछ निहित स्वार्थी तत्व और कॉरपोरेट प्रतिद्वंदी इस सौदे पर कांग्रेस पार्टी को गलत, भ्रामक और भटकाने वाली जानकारी दे रहे हैं।
अंबानी ने पत्र में अपने और कंपनी के ऊपर किए जा रहे हमलों पर पीड़ा का इजहार किया है। उन्होंने कहा है कि भारत जो 36 राफेल जेट विमान फ्रांस से खरीद रहा है, उन विमानों के एक रुपये मूल्य के एक भी कलपुर्जे का विनिर्माण उनके समूह द्वारा नहीं किया जाएगा। सभी आरोप निराधार, गलत जानकारी पर आधारित और दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
अंबानी ने कहा कि हमारी भूमिका ऑफसेट निर्यात और अन्य निर्यात जवाबदेही तक सीमित है। इसमें बीईएल और डीआरडीओ जैसी सार्वजनिक कंपनियों के अलावा सौ से ज्यादा मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्यम शामिल होंगे। इससे भारत की विनिर्माण क्षमता मजबूत होगी और यह खुद 2005 से यूपीए सरकार द्वारा चलाई जा रही ऑफसेट नीतियों के अनुरूप ही है।
राहुल गांधी इस मुद्दे पर लगातार सरकार को घेर रहे हैं। उनका आरोप है कि मौजूदा सरकार राफेल विमानों के लिए यूपीए सरकार में तय कीमत से कहीं अधिक मूल्य चुका रही हैं। सरकार ने इस सौदे में बदलाव सिर्फ 'एक उद्योगपति को फायदा पहुंचाने के लिए' किया है।
इससे पहले अनिल अंबानी ने 12 दिसंबर, 2017 को राहुल गांधी को पहला पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने कहा था कि रिलायंस समूह को यह सौदा इसलिए मिला क्योंकि उसके पास डिफेंस शिप बनाने का अनुभव था।