करीब 9,000 करोड़ रुपए का कर्ज मामले में भारत से भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने लंदन कोर्ट में बड़ा दावा किया है। माल्या ने बताया कि भारत छोड़ने से पहले उन्होंने वित्त मंत्री से मुलाकात की थी और सभी मामलों को निपटने की बात कही थी लेकिन बैंकों ने उनके सेटलमेंट पर सवाल खड़े कर दिए थे। यह बात उसने वेस्टमिंस्टर कोर्ट से बाहर मीडिया से कही।
इस पर फौरी तौर पर प्रतिक्रिया देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे तथ्यात्मक रूप से गलत बताया है। इसके लिए अरुण जेटली ने फेसबुक पर लिखित बयान भी जारी किया है। जेटली के मुताबिक, 2014 से जेटली ने माल्या को अपॉइंटमेंट नहीं दी है। जेटली ने अपने बयान में माल्या से एक अनौपचारिक मुलाकात का जिक्र किया है और कहा है कि बतौर राज्य सभा सांसद माल्या ने अपने विशेषाधिकार का गलत फायदा उठाते हुए उन्हें रास्ते में रोककर एक वाक्य कहा था।
अरुण जेटली का बयान
वहीं, विजय माल्या के इस दावे को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खारिज किया है। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, ''2014 से मैंने उन्हें कोई अपॉइंटमेंट नहीं दिया है। हालांकि, वह राज्य सभा सांसद थे तो इस विशेषाधिकार का उन्होंने एक बार गलत इस्तेमाल किया। मैं सदन की कार्रवाई से अपने कमरे में जा रहा था तब वह दौड़ते हुए मेरे पास आए और सेटलमेंट की बात की। मुझे उनके इस तरह के झांसे भरे प्रस्तावों के बारे में पहले बताया गया था इसलिए मैंने उनसे साफ कहा कि मुझसे बात करने का कोई मतलब नहीं। आप अपने ऑफर बैंकर को दें। उनके हाथों में जो कागज थे वे भी मैंने नहीं लिए। सिर्फ इस एक वाक्य के अलावा, जहां उन्होंने अपने विशेषाधिकार का गलत इस्तेमाल किया, उनसे मुलाकात का कोई सवाल ही नहीं उठता।''
#WATCH Finance Minister Arun Jaitley says, "I never gave him an appointment" on Vijay Mallya's claim that he met the Finance Minister before he left. pic.twitter.com/aGxlD69NHY
— ANI (@ANI) September 12, 2018
Finance Minister Arun Jaitley's statement on Vijay Mallya's claim that he met the finance minister before he left. pic.twitter.com/oPrbZoO075
— ANI (@ANI) September 12, 2018
प्रत्यर्पण मामले में सुनवाई के लिए वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश हुआ माल्या
अपने प्रत्यर्पण के मामले की सुनवाई के लिए माल्या बुधवार को लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश हुआ। माल्या के वकील ने कोर्ट को बताया कि अभी तक ऐसे कोई भी सबूत नहीं मिले हैं, जिनके आधार पर यह कहा जा सके कि माल्या या किंगफिशर ने किसी बुरी नीयत से बैंकों से लोन लिया था।
माल्या के वकील ने कहा कि सीबीआई के राकेश अस्थाना ने बैंकों पर माल्या के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए दबाव बनाया था और केस दर्ज नहीं करने के दशा में परिणाम भुगत लेने के धमकी दी थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने बाहर आकर मीडिया से बात करते हुए माल्या ने कहा कि वह अभियोजन पक्ष के आरोपों से सहमत नहीं हैं, इस बारे में कोर्ट को कोई फैसला लेने दें।
वेस्टमिंस्टर कोर्ट में दिखाया गया ऑर्थर रोड जेल का वीडियो
वेस्टमिंस्टर कोर्ट में भारत के अधिकारियों ने मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में माल्या को रखने के लिए तैयार सेल का वीडियो पेश किया था। इससे पहले सुनवाई के दौरान माल्या ने कोर्ट में कहा था कि भारत की जेलों की स्थिति बहुत खराब है, इसलिए उसे भारत को न सौंपा जाए। माल्या की इस दलील के बाद भारत द्वारा मुंबई की आर्थर रोड जेल की 12 नंबर बैरक का एक वीडियो बनाकर कोर्ट में पेश किया।
2016 में भागा था माल्या
शराब कारोबारी विजय माल्या भारत से मार्च, 2016 से फरार हुआ था। वह भारतीय अदालतों व कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा विभिन्न मामलों के मुकदमे में पेश होने के सम्मन के बावजूद लंदन में है। कर्ज की वसूली को दीवानी मामला बताते हुए माल्या ने कहा कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने बैंकों के बकाए को निपटाने की उनकी मंशा के बावजूद एजेंसियों ने आक्रामक कार्रवाई कर मामले को आपराधिक बना दिया है।
9990.07 करोड़ रुपए का बकाया
भारत में ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून’ के तहत मुंबई की एक विशेष अदालत में अधिकारियों ने अर्जी लगाते हुए कोर्ट को बताया था कि विजय माल्या और उसके किंगफिशर एयरलाइंस (जो अब अस्तित्व में नहीं है) एवं अन्य ने विभिन्न बैंकों से ऋण लिया था। फिलहाल माल्या पर ब्याज समेत 9990.07 करोड़ रुपये बकाया हैं। ईडी और सीबीआई ने उसके खिलाफ कथित ऋण अदायगी उल्लंघन मामले दर्ज किए हैं।