भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपी वरवरा राव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य आधार पर जमानत दे दी है। पहले से मिली अंतरिम जमानत को सुप्रीम कोर्ट ने नियमित किया। इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने 83 साल के राव की याचिका ठुकरा दी थी।
2018 की हिंसा से जुड़े इस मामले में राव को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शर्त रखी है कि वह ट्रायल कोर्ट की मंजूरी के बिना शहर न छोड़ें, गवाहों से संपर्क करने की कोशिश न करें। वरवरा राव को 28 अगस्त 2018 को हैदराबाद से गिरफ़्तार किया गया था। उस पर भीमा-कोरेगांव कांड में भागदारी के आरोप है।
बता दें कि साल 2018 के जनवरी में महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में हिंसा भड़क उठी थी। पुणे से करीब 40 किलोमीटर दूर भीमा-कोरेगांव में अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों का एक कार्यक्रम आयोजित हुआ था, जिसका कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने विरोध किया, इसके बाद हिंसा भड़क गई थी। पूरा झगड़ा 29 दिसंबर से शुरू हुआ था।
29 दिसंबर को पुणे के वडू गांव में दलित जाति के गोविंद महाराज की समाधि पर हमला हुआ था, जिसका आरोप मिलिंद एकबोटे के संगठन हिंदू एकता मोर्चा पर लगा और एफआईआर दर्ज हुई। एक जनवरी को दलित समाज के लोग पुणे के भीमा कोरेगांव में शौर्य दिवस मनाने इकट्ठा हुए और इसी दौरान सवर्णों और दलितों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें एक शख्स की जान चली गई और फिर हिंसा बढ़ती गई।