जेएनयू हिंसा का असर देश के अन्य शहरों में देखा जा रहा है। कोलकाता में जेएनयू की घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे छात्रों और भाजपा समर्थकों में भिड़ंत हो गई जिसके चलते पुलिस ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया।
कोलकाता में घटना के विरोध में जादवपुर यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान भाजपा की रैली भी निकल रही थी। जादवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों की रैली और भाजपा की रैली आमने-सामने आ गई। स्थिति बेहद तनावपूर्ण होने पर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
देश के अन्य हिस्सों में भी प्रदर्शन
मुंबई-पुणे समेत देश के कई हिस्सों में लोग जेएनयू में हुई हिंसा के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। तमिलनाडु की राजधानी चैन्ने में स्टूडेंट्स जेएनयू हिंसा के विरोध में कैडल मार्च निकाला तो हैदराबाद के तीन विश्वविद्यालयों के साथ ही यूपी के बीएचयू, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भी छात्रों संगठनो की ओर से प्रदर्शन किया गया।
मुबई में भी प्रदर्शनकारियों ने जेएनयू में हुई हिंसा के खिलाफ विरोध दर्ज कराया। गेटवे ऑफ इंडिया के पास बड़ी संख्या में छात्रों और कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करते हुए दिल्ली पुलिस और भाजपा सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
सुनियोजित था हमलाः आइशी घोष
इससे पहले जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि पिछले 4-5 दिनों से आरएसएस से जुड़े प्रोफेसर्स हमारे आंदोलन को तोड़ने के लिए हिंसा भड़का रहे थे। यह एक सुनियोजित हमला था। वे लोगों को बाहर निकाल-निकालकर हमला कर रहे थे। जेएनयू सिक्योरिटी और हमलावरों के बीच साठ-गांठ थी, जिसकी वजह से उन्होंने हिंसा रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। हमारी मांग है कि यूनिवर्सिटी के वाइस-चांसलर को तुरंत हटाया जाए।
पुलिस का दावा
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एमएस रंधावा ने कहा कि सभी सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है और सभी घायलों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है। मामले में एक एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
बता दें कि दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में रविवार शाम को कई नकाबपोशों ने लाठी-डंडों के साथ कैंपस में हमला किया, इसमें 30 से ज्यादा छात्र घायल हो गए। इसमें छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष को काफी चोटें आई।